दिसंबर तक सरसों तेल के भाव में आएगी नर्मी, ये है वजह
Mustard oil rate. यूपी व बंगाल के तोरई की फसल के दिसंबर में आते ही सरसों तेल के भाव में नर्मी आने की संभावना है। वही जनवरी-फरवरी तक राजस्थान में सरसों की फसल से भाव गिरना तय है। भाव में बेतहाशा वृद्धि से लोग परेशान हैं।
जमशेदपुर, जासं। यूपी व बंगाल के तोरई की फसल के दिसंबर में आते ही सरसों तेल के भाव में नर्मी आने की संभावना है। वही जनवरी-फरवरी तक राजस्थान में सरसों की फसल से भाव गिरना तय है। आलू-प्याज से लेकर सब्जी के भाव में बढ़ोत्ती के साथ ही दलहन व तेल के भाव में बेतहाशा वृद्धि से लोग परेशान हैं।
दूसरी ओर सरकार की ओर से ब्रांडेड तेल की बिक्री पर रोक लगाने से भी भाव में तेल के भाव में तेजी देखी जा रही हैं। लगातार सरसो तेल की मूल्य में हो रही बेतहाशा वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए परसुडीह बाजार समिति प्रबंधन की ओर से थोक विक्रेताओं पर कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है। मंगलवार को परसुडीह मंडी के सात थोक विक्रेताओं को नोटिस थमाया गया। इसमें हाथी, इंजन, बापू और सलोनी डिपो के अलावा मंडी के अन्य थोक विक्रेता शामिल हैं। सभी से तीन दिनों में सरसोंं तेल के आवक और मंडी परिसर से बिक्री पर एक महीने की रिपोर्ट मांगी गई है। सभी को दुकान के आगे रेट चार्ट और स्टॉक का विवरण दर्ज करने का भी आदेश दिया गया हैं। फिलहाल मंडी में 137 रुपये प्रति लिटर सासों का हाथी मार्का तेल थोक भाव में बेचा जा रहा है। जबकि सलोनी का भाव 134 रुपये है।