Jamshedpur Music Circle: करीब दो वर्ष बाद जमशेदपुर में सजेगी संगीत की महफिल, कोलकाता से आएंगे कलाकार
Music Festival in Jamshedpur झारखंड के जमशेदपुर में दो वर्ष के बाद संगीत की महफिल सजेगी। इसमें संगीत प्रेमी कोलकाता के कलाकारों को सुन सकेंगे। कोरोना की वजह से सार्वजनिक आयोजनों से वंचित लोगों के लिए यह खास मौका होगा।
जमशेदपुर, जासं। कोरोना की वजह से सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम ठप हो गए थे। हुए भी तो दर्शक-श्रोता ऑनलाइन शामिल हुए। कलाकार भी अपने-अपने स्थान से प्रस्तुति दे रहे थे। करीब दो वर्ष बाद जमशेदपुर में संगीत की महफिल सजने जा रही है, जिसमें कोलकाता से कलाकार आएंगे। यह संभव हो रहा है जमशेदपुर म्यूजिक सर्कल की वजह से, जो 11 सितंबर को गोलमुरी के इवनिंग क्लब प्रेक्षागृह में संगीत सभा कर रही है।
इसमें प्रथम प्रस्तुति वीरेंद्र उपाध्याय और उनके शिष्यों द्वारा जमशेदपुर म्यूजिक सर्किल या जेएमसी की थीम पर संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके ठीक बाद कोलकाता की पारोमिता राय शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगी। उनके साथ तबले पर प्रदीप भट्टाचार्य और हारमोनियम पर वीरेंद्र उपाध्याय संगत करेंगे। अंत में कोलकाता के प्रख्यात सितार वादक पंडित असीम चौधरी सितार वादन पेश करेंगे, जिसमें उनके साथ अमिताभ सेन तबला पर संगत करेंगे। कार्यक्रम में प्रवेश निश्शुल्क रखा गया है।
जमशेदपुर में पले-बढ़े थे पंडित असीम चौधरी
प्रसिद्ध सितारवादक असीम चौधरी कोलकाता में रह रहे हैं, लेकिन वे जमशेदपुर में पले-बढ़े थे। असीम चौधरी इमदादखानी घराना से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें संगीत की दीक्षा उनके पिता शिबू चौधरी (तबला वादक) ने दी थी। पांच साल की उम्र में पंडित असीम चौधरी ने जाने-माने सितारवादक स्वर्गीय उस्ताद बेंजामिन गोम्स के संरक्षण में सितार की तालीम हासिल की। इसके बाद 1985 में उन्होंने पं. बिमलेंदु मुखर्जी से तालीम हासिल की। इस दौरान पंडित असीम ने गायिकी या ख्याल अंग, इमदाद खानी घराने के सार पर आधारित राग के अनुशासित विकास का पाठ सीखा। यह सितार से आत्मा के संगीत को बाहर लाने के लिए जाना जाता है।
गणित के रहे छात्र, संगीत में मिले कई सम्मान
गणित विषय में स्नातकोत्तर होने के बावजूद पंडित असीम ने संगीत कला को और विकसित करने की तीव्र इच्छा के साथ खुद को एक प्रतिभाशाली और अग्रिम श्रेणी का सितार वादक बनने की चुनौती स्वीकार की। पंडित असीम को इस क्षेत्र में कई पुरस्कारों से नवाजा गया। पश्चिम बंगाल राज्य संगीत अकादमी पुरस्कार, सुर सिंगार संसद, मुंबई से सुरमणि, गंधर्व महाविद्यालय से संगीत अलंकार आदि। विगत कई वर्षों से पंडित असीम चौधरी देश-विदेश में अपने सितार वादन से काफी प्रशंसक बटोर चुके हैं। वे भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के एक पैनलिस्ट कलाकार हैं, जो भारत के बाहर संगीत दौरों को सहायता और प्रायोजित करता है। पंडित असीम आकाशवाणी और दूरदर्शन में ए-ग्रेड सितारवादक भी हैं।