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चाचा की अपनी संतान नहीं थी, इसलिए भतीजे की शादी के दिन करवा दी हत्या

एक युवक (काजल महतो) की 30 जून को शादी होने वाली थी। उसी दिन (30 जून) शादी से ठीक पहले उसके अपने सगे चाचा ने उसकी हत्या करवा दी। हत्या सिर्फ इसलिए कराई क्योंकि चाचा की खुद की कोई संतान नहीं थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 08:00 AM (IST)
चाचा की अपनी संतान नहीं थी, इसलिए भतीजे की शादी के दिन करवा दी हत्या
चाचा की अपनी संतान नहीं थी, इसलिए भतीजे की शादी के दिन करवा दी हत्या

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर/पुरुलिया : एक युवक (काजल महतो) की 30 जून को शादी होने वाली थी। उसी दिन (30 जून) शादी से ठीक पहले उसके अपने सगे चाचा ने उसकी हत्या करवा दी। हत्या सिर्फ इसलिए कराई क्योंकि चाचा की खुद की कोई संतान नहीं थी। ऐसे में भतीजे की शादी होती, परिवार बढ़ता तो सारी संपत्ति उसे (भतीजे) को ही मिल जाती। इसलिए उसने (चाचा ने) सुपारी देकर शादी वाले दिन ही भतीजे को मरवा दिया। अब पुलिस ने हत्या के करीब ढाई महीने बाद हत्यारोपित चाचा पशुपति महतो और उसकी पत्नी त्रिवेणी महतो को जमशेदपुर के सोनारी से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने सुपारी किलर अनिल महतो को भी जमशेदपुर के ही कदमा रामनगर इलाके से पकड़ लिया है। सोमवार को बड़ाबाजार थाने (पुरुलिया) के आइसी सौगत घोष ने तीनों हत्यारोपितों को कोर्ट में पेश किया। जहां से सभी को जेल भेज दिया गया।

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पुलिस के अनुसार जिले के बड़ाबाजार थानाक्षेत्र के लाउवेड़ा ग्राम निवासी काजल महतो नामक युवक 30 जून को अपने विवाह के दिन ही घायल अवस्था में मिला था। बाईपास पेट्रोल पंप के पास उसका बेदर्दी से गला रेता गया था। गंभीर अवस्था में उसे जमशेदपुर के टाटा मुख्य अस्पताल में दाखिल कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

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खानदान का इकलौता चिराग था काजल

पुलिस ने बताया कि लाउवेड़ा ग्राम निवासी प्रफुल्ल महतो का बेटा काजल महतो अपने खानदान में एकलौता पुत्र था। हत्यारोपित पशुपति व त्रिवेणी महतो की कोई संतान नहीं थी। उन्हें डर था कि शादी के बाद सारी संपत्ति काजल के नाम कर दी जाएगी। इसी कारण उन्होंने जमशेदपुर निवासी अनिल महतो से काजल की हत्या का सौदा किया।

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50 हजार रुपये दी थी हत्या की सुपारी

पशुपति महतो ने सुपारी किलार अनिल महतो को काजल की हत्या दी थी। इसमें उसकी पत्नी त्रिवेणी भी शामिल थी। तीनों ने साजिश के तहत काजल की शादी का दिन ही उसकी हत्या के लिए तय किया था। जिससे उसके परिवार की सारी खुशियां मातम में बदल जाएं। पशुपति ने ही अनिल को बताया कि वो काजल को लाकर उसे सौंप देगा।

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कपड़े खरीदने के बहाने ले गया था काजल को

साजिश के तहत काजल का चाचा पशुपति कपड़े खरीदने के बहाने उसे घर से लेकर निकला था। प्लान के अनुसार रास्ते में उसे अनिल महतो मिला। पशुपति ने काजल का परिचय अनिल से कराया और बोला कि उसे बाइक से बड़ाबाजार बस स्टैंड छोड़ने को कहा। काजल सुपारी किलर अनिल महतो को बस स्टैंड की ओर चल दिया। रास्ते में सुनसान जगह देखकर अनिल ने काजल से बाइक रोकने को कहा। काजल ने जैसे ही बाइक रोकी अनिल ने पीछे से उसका गला चाकू से रेत दिया और उसे तड़पता छोड़कर फरार हो गया।

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राहगीरों की सूचना पर पुलिस ले गई अस्पताल

काजल को तड़पता देख राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और काजल को जिला अस्पताल में दाखिल कराया। जहां से हालत गंभीर होने के कारण उसे टाटा मुख्य अस्पताल रेफर किया गया। वहीं इलाज के दौरान काजल की मौत हो गई थी।

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पुलिस को शक होने पर जमशेदपुर आ गए था चाचा-चाची

काजल के मौत के बाद ही पुलिस को पशुपति व उसकी पत्नी त्रिवेणी पर शक था। पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों से पूछताछ की थी। पशुपति और त्रिवेणी जमशेदपुर के सोनारी में आकर छिप गए थे। जिनकी गिरफ्तारी के लिए बड़ाबाजार थाने के आइसी सौगत घोष के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी। वहीं मृतक काजल के पिता प्रफुल्ल महतो ने कहा कि उनका भाई ऐसी हरकत करेगा वो कभी सोच भी नहीं सकते थे।


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