सांसद ने लीज नवीकरण को ले मुख्य सचिव व खान सचिव से की बात
सांसद विद्युत वरण महतो ने झारखंड के मुख्य सचिव एवं खान सचिव से दूरभाष पर बात कर एचसीएल/आइसीसी के सुरदा माइंस के लीज नवीकरण को अविलंब मंजूरी प्रदान करने की मांग की है। सांसद ने मुख्य सचिव एवं खान सचिव से कहा कि भारत सरकार की पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय दिसंबर-2020 में ही एचसीएल को सशर्त पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान कर चुकी है..
संस, घाटशिला : सांसद विद्युत वरण महतो ने झारखंड के मुख्य सचिव एवं खान सचिव से दूरभाष पर बात कर एचसीएल/आइसीसी के सुरदा माइंस के लीज नवीकरण को अविलंब मंजूरी प्रदान करने की मांग की है। सांसद ने मुख्य सचिव एवं खान सचिव से कहा कि भारत सरकार की पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय दिसंबर-2020 में ही एचसीएल को सशर्त पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान कर चुकी है। उम्मीद थी कि पर्यावरणीय स्वीकृति के आधार पर राज्य सरकार सुरदा खदान के लीज नवीकरण को मंजूरी प्रदान कर देगी, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ। माइंस बंद होने से करीब 1500 मजदूर सालभर से बेरोजगार हैं। सांसद ने मुख्य सचिव एवं खान सचिव से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द सुरदा खदान को लीज नवीकरण प्रदान की जाए, ताकि बंद पड़ी खदान को दोबारा चालू किया जा सके। माइंस चालू होने पर मजदूरों को रोजगार नसीब हो सकेगा। सांसद ने कहा कि सुरदा माइंस शुरू होने की स्थिति में ही मऊभंडार प्लांट भी चालू हो सकेगी। सांसद की मांग पर मुख्य सचिव एवं खान सचिव ने भरोसा दिलाया कि 29 अप्रैल के बाद इस पर पहल की जाएगी। मालूम हो की लीज समाप्त होने के कारण सुरदा माइंस में एक अप्रैल-2020 से ही उत्पादन कार्य बंद है। अग्निपीड़ित परिवार को झामुमो केंद्रीय महासचिव ने किया सहयोग : घाटशिला प्रखंड के फूलपाल गांव के सुमन मुर्मु के घर में आग लगने से सब जल कर खाक हो गया, सुमन अपने परिवार व बच्चे समेत बेघर हो गया। मामले की जानकारी पर परिवहन मंत्री चंम्पाई सोरेन के बेटा सह झामुमो के केंद्रीय महा सचिव बाबूलाल सोरेन ने सहयोग का हाथ बढ़ाया। बाबूलाल सोरेन ने अपने समर्थक के जरिये मंगलवार को खाद्य सामग्री, तिरपाल एवम 12 पीस एडवेस्टर अग्नि पीड़ित परिवार को भेजवाया। घर निर्माण का सामग्री पा कर दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करने वाले सुमन के आंखों में अंशु छलक उठा। सुमन ने कहा रविवार को दोपहर में अचानक से आग लग गया, आग लगने से घर मे रखा धान, चावल, कपड़ा व नगदी समेत सभी जल गया। उस दौरान घर मे दो बेटी ही थी, हम पति-पत्नी मजदुरी करने गए थे। घर जल जाने से परिवार समेत बेघर हो गए थे। मौके पर बाबूलाल मुर्मु, शांखो मुर्मु, सोना राम मुर्मु, जुझार सोरेन, हीरालाल सोरेन, गणेश सोरेन आदि उपस्थित थे।