मां करेगी योग तो बेटा-बेटी होंगे निरोग
हुरलुंग पंचायत के लुपुंगडीह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सुबह शाम योग कराया जाएगा। इसमें आम लोगों के साथ-साथ गर्भवती महिलाएं भी शामिल होगी।
जमशेदपुर( जागरण संवाददाता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्राकृतिक चिकित्सा व योग पर विशेष बल दिया है। उनकी सोच को आगे बढ़ाते हुए हुरलुंग पंचायत के लुपुंगडीह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सुबह शाम योग कराया जाएगा। इसमें आम लोगों के साथ-साथ गर्भवती महिलाएं भी शामिल होगी। सेंटरों पर योग कार्यक्रम का उद्देश्य स्वस्थ समाज का निर्माण करना है। योग के माध्यम से आधी से अधिक बीमारियों को दूर किया जा सकता है।
सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद ने बताया कि जिले में जितने भी उप-स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहे हैं उसे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। सभी सेंटरों पर योग कार्यक्रम होंगे। इसके लिए अलग से कर्मचारी होंगे, जो सुबह-शाम ग्रामीणों को योग कराएंगे। इसमें गर्भवती महिलाओं का खास ध्यान रखा जाएगा। सिविल सर्जन ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को योग के जरिए शारीरिक रूप से फिट रखना है ताकि निरोग रहकर वह बच्चे को जन्म दे सकें।
योग के फायदे
- सूक्ष्म व्यायाम : गर्भावस्था में जिन महिलाओं के पैरों में सूजन आ जाती है और कमजोरी महसूस होती है या चलने में पैर कांपते हैं, उन्हें इससे राहत मिलती है।
-अर्द्ध हलासन : इससे पैरों में दर्द, सूजन, थकान, कूल्हे व कमर दर्द आदि में राहत मिलती है।
- बटर फ्लाई : इससे कूल्हे में होने वाले दर्द में आराम मिलता है और नॉर्मल डिलीवरी के चांस अधिक रहते हैं।
- सब आसन : प्रतिदिन दो से दस मिनट करने पर मानसिक थकान नहीं होता और शरीर में स्फूर्ति रहती है।
- चक्की चालन : गर्भावस्था में जिन महिलाओं में कमर के नीचे दर्द रहता है या ऐसी महिलाएं जिन्हें गर्भ नहीं ठहरता, उन्हें इस आसन से लाभ मिलता है।
- ताड़ासन : गर्भावस्था में पेट की मांसपेशियां लचीली बनी रहे। शिशु का विकास सही तरीके से हो। इसके लिए पांच माह तक यह आसन किया जा सकता है।
- मकरासन : गर्भ में जब शिशु बढ़ता है, तब मां की रीढ़ की हड्डी पर भार पड़ता है। झुकाव के कारण दर्द भी होता है। इस आसन से इस तकलीफ को दूर किया जा सकता है।
यह भी कोशिश
-विभाग से ज्यादा से ज्यादा महिलाएं को जोड़कर उन्हें खानपान, शारीरिक जांच व अन्य पहलू पर भी ध्यान देना।
- अंधविश्वास से लोगों को दूर करना।
- स्वास्थ्य सेवा का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उपलब्ध कराना।
- झोलाछाप डॉक्टरों के प्रति लोगों को जागरूक करना।
- स्वास्थ्य योजनाओं से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराना।