टाटा स्टील में डीए पर अधिकतर ऑफिस बियरर बोलने से किया इंकार
टाटा स्टील में महंगाई भत्ते में बदलाव के संकेत पर टाटा वर्कर्स यूनियन का कोई भी पदाधिकारी खुलकर बोलने से परहजे कर रहा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील में ग्रेड रिवीजन वार्ता जारी है। पिछले दिनों कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएम) सुरेश दत्त त्रिपाठी ने भी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बदलाव के संकेत दिए। शुक्रवार को दैनिक जागरण ने 11 में से आठ ऑफिस बियरर से इस विषय पर सीधा सवाल किया कि अगर डीए में बदलाव हुआ तो इससे कर्मचारियों का नुकसान होगा या फायदा? लेकिन अधिकतर ऑफिस बियरर ने सवाल को टालने का प्रयास किया।
कुछ ने आधिकारिक जानकारी होने से इंकार किया तो कुछ ने यह कहा कि इस विषय पर यूनियन नेतृत्व की ओर से उन्हें कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है ऐसे में वे भी कुछ भी खुल कर नहीं बोल सकते। वहीं, यूनियन उपाध्यक्ष भगवान सिंह ने दावा किया कि डीए में बदलाव पर मनगंढ़त अफवाह फैलाया जा रहा है। इस पर किसी भी तरह का बदलाव जब होने ही नहीं वाला है तो विषय पर बात ही क्यों की जाए?
जबकि वाइस प्रेसिडेंट सुरेश दत्त त्रिपाठी के संकेत के बाद से हर एक कर्मचारी के मन में चिंता है कि डीए में बदलाव से उन्हें किस तरह से और कितना आर्थिक नुकसान होगा। लेकिन यूनियन के अधिकतर ऑफिस बियरर इस मसले में कुछ भी खुल कर बोलने से इंकार कर दिया क्योंकि वे इस मसले पर न ही यूनियन नेतृत्व का और न ही कंपनी प्रबंधन का कोप भाजन बनना चाहते हैं। लेकिन कर्मचारियों के इस सबसे बड़े मसले पर उन्हें बीच मझधार पर छोड़ कर पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
किसने क्या कहा
- फिलहाल मैं शहर से बाहर हूं। लेकिन डीए में होने वाले बदलाव के विषय पर टॉप-थ्री ने कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी है। इसलिए फिलहाल इस बारे में मैं कुछ भी अधिकारिक रूप से अभी नहीं कह पाउंगा।
-डीके उपाध्याय, सहायक सचिव
- डीए के पुराने स्वरूप में बदलाव होगा तो इससे कर्मचारियों का नुकसान तय है लेकिन टॉप-थ्री मिलकर जो भी फैसला लेते हैं तो उसका सम्मान करना हो।
-प्रभात लाल, कोषाध्यक्ष
- टॉप थ्री प्रबंधन से डीए पर क्या बात कर रहा है इसकी जानकारी वे देंगे तभी तो आधिकारिक बयान दे पाएंगे। मुझे डीए पर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।
-कमलेश कुमार सिंह, सहायक सचिव
- डीए के वर्तमान स्वरूप में बदलाव हुआ तो नुकसान तय है। इसलिए यूनियन नेतृत्व को ऐसा रास्ता निकालना चाहिए जिससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान न हो।
-शत्रुघ्न राय, उपाध्यक्ष
- डीए में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। सब मनगढ़त अफवाह है इसलिए जिस पर कुछ होना ही नहीं है उस चर्चा करना ही गलत है।
-भगवान सिंह, उपाध्यक्ष
- कर्मचारी साल दर साल इंक्रीमेंटल ग्रोथ वृद्धिशील विकास की अपेक्षा रखता है जो उस पर पड़ने वाले आर्थिक दायित्व एवं मुद्रा स्फीर्ति से लड़ने में मददगार होता है। जो कि उसे वार्षिक इंक्रीमेंट और तिमाही डीए के रूप में मिलता है। इसलिए वर्तमान डीए के प्रारूप को बनाए रखना अति आवश्यक है। हमें पूरा भरोसा है कि कंपनी इम्प्लायर बाई च्वाइंस बने रहने के लिए इसके वर्तमान प्रारूप में कोई बदलाव नहीं करेगी।
-हरिशंकर सिंह, उपाध्यक्ष
- डीए पर यूनियन नेतृत्व से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। उम्मीद है कि कर्मचारियों के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखते हुए टॉप-थ्री निर्णय लेगी।
-नितेश राज, सहायक सचिव
- फिलहाल डीए में बदलाव के विषय पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है इसलिए इस विषय कुछ नहीं बोल सकता।
-शाहनवाज आलम, उपाध्यक्ष