कामारिगोड़ा के प्रवीण का शव लाने की विधायक ने की पहल
घाटशिला प्रखंड के गालूडीह क्षेत्र के कामारिगोड़ा निवासी 33 वर्षीय प्रवीण कुमार महतो बीते नौ मई को अपनी पत्नी आरती रानी महतो के साथ ट्रेन से चेन्नई से घाटशिला आने के क्रम में बुडरु रेलवे स्टेशन जो चेन्नई से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है आकस्मिक निधन हो गया..
संस, घाटशिला : घाटशिला प्रखंड के गालूडीह क्षेत्र के कामारिगोड़ा निवासी 33 वर्षीय प्रवीण कुमार महतो बीते नौ मई को अपनी पत्नी आरती रानी महतो के साथ ट्रेन से चेन्नई से घाटशिला आने के क्रम में बुडरु रेलवे स्टेशन जो चेन्नई से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, आकस्मिक निधन हो गया। प्रवीण के मृत शरीर बुडरु के एक हॉस्पिटल में है। वहां शव के साथ मृतक की पत्नी भी है। मृतक को कामारिगोड़ा लाने हेतु उचित व्यवस्था करने का आग्रह विधायक रामदास सोरेन से किया है। स्व. प्रवीण कुमार महतो कोविड रिपोर्ट निगेटिव है। मृतक कामारिगोड़ा में घर जमाई थे। उनके ससुर लक्ष्मीकांत महतो ने विधायक रामदास सोरेन से विशेष रूप से आग्रह किया है कि जिला के उपायुक्त से बात कर समस्या का निदान कराने की बात कही की है। जिससे जल्द से जल्द स्व. प्रवीण कुमार महतो के मृत शरीर को लाया जा सके। विधायक रामदास सोरेन ने परिवार वालों को आश्वासन दिया कि शव को हर हाल में शव को लाया जाएगा प्रशासन की ओर से पहल चल रही है।
धान के बकाया राशि का किसानों को शीघ्र भुगतान करे सरकार : डा. गोस्वामी : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने सरकार से विभिन्न धान क्रय केंद्रों में किसानों द्वारा बेचे गए धान के बकाया राशि का शीघ्र भुगतान करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अधिकांश किसानों के धान का 50 प्रतिशत राशि सरकार के पास बकाया है। आगे के फसल उपजाने के लिए किसानों को बीज तथा खाद खरीदने हैं। डा. गोस्वामी ने सरकार से गरमा धान को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान क्रय केंद्रों पर खरीदने का आग्रह किया है। धान का समर्थन मूल्य 2050 रुपये प्रति क्विंटल है । जबकि सरकार द्वारा गरमा धान न क्रय किए जाने के कारण किसानों को बाजार में महज 1 हजार रुपये प्रति क्विंटल गरमा धान बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है। डा. गोस्वामी ने विगत दिनों आंधी, तूफान तथा ओला बारिश से हुए गरमा धान के फसल के नुकसान का मुआवजा शीघ्र देने की सरकार से मांग की है । उन्होंने कहा कि बहरागोड़ा प्रखंड में ही लगभग आठ हजार एकड़ खेतों में गरमा धान का फसल हुआ है । जबकि आंधी एवं ओला बारिश से अधिकांश धान के फसल बर्बाद हुए ।