सुखराम उरांव के हाथ फिर आई पश्चिममी सिंहभूम झामुमो जिलाध्यक्ष की कमान
MLA Sukhram Oraon पिछले विधायक काल में भी सुखराम उरांव ने जिलाध्यक्ष पद पर रहते हुए झामुमो संगठन को न केवल बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया था बल्कि अन्य दलों से झामुमो में शामिल होने वालों की होड़ सी लग गई थी।
चक्रधरपुर, जागरण संवाददाता। पश्चिमी सिंहभूम में यूं तो झामुमो को मजबूत जनाधार वाला दल माना जाता है। इस मजबूती को और ज्यादा गहराई देने के इरादे से पिछले दिनों पार्टी आलाकमान ने जिले में संगठन को भंग कर नए सिरे से इसे गठित करने की कवायद की। जिले में पार्टी के तमाम दिग्गजों की मौजूदगी के बावजूद जैसा कि जानकारों को अनुमान था आलाकमान ने तेज तर्रार छवि के विधायक सुखराम उरांव पर भरोसा जताया।
यह भरोसा इसलिए भी है, क्योंकि पिछले विधायक काल में भी सुखराम उरांव ने जिलाध्यक्ष पद पर रहते हुए झामुमो संगठन को न केवल बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया था बल्कि अन्य दलों से झामुमो में शामिल होने वालों की होड़ सी लग गई थी। अब देखना यह है कि अपने नित नए प्रयोगों से लोगों को चौंकाने वाले विधायक सुखराम उरांव इस बार क्या गुल खिलाते हैं। वैसे इस बार के कार्यकाल में भी विधायक सुखराम उरांव कई बड़े फैसले लेकर लोगों को चौंका चुके हैं। कोरोना की पहली लहर में जबकि प्रवासी मजदूर भारी संख्या में देश भर में फंसे थे, उन्होंने सभी मजदूरों के खातों में दो हजार रूपये की राशि अपने निजी कोष से भेजना आरंभ किया। इसकी जानकारी मिलने पर सीएम हेमंत सोरेने ने न केवल उनकी सराहना कि बल्कि इस योजना को सभी विधायकों के लिए लागू कर दिया। विधायक सुखराम उरांव ने अपने विस क्षेत्र के सभी थाना क्षेत्रों व सामाजिक संगठनों को एम्बुलेंस की सौगात दी। साथ ही भारी संख्या में क्वारंटीन सेंटर में मौजूद मजदूरों के लिए अपने घर से तैयार करवाकर रोजाना पौष्टिक खाना खिलाया। उनकी अनूठी योजनाओं का क्रियान्वयन अब भी जारी है। पश्चिमी सिंहभूम में झामुमो के नव मनोनीत पदाधिकारियों में जिलाध्यक्ष सुखराम उरांव, उपाध्यक्ष इकबाल अहमद, दीपक प्रधान और दिनेश चंद्र महतो, सचिव सोनाराम देवगम, कोषाध्यक्ष सुभाष बनर्जी हैं।