झारखंड के सहकारी बैंकों की स्थिति से अवगत हुए मंत्री बादल पत्रलेख, कही ये बात
झारखंड राज्य सहकारी बैंक की बेहतरी उत्तरोत्तर विकास बेहतर ग्राहक सेवा एवं कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर के झारखंड राज्य सहकारी बैंक कर्मचारी संघ का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड के कृषिपशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख से मिला।
जमशेदपुर, जासं। झारखंड राज्य सहकारी बैंक की बेहतरी, उत्तरोत्तर विकास, बेहतर ग्राहक सेवा एवं कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर के झारखंड राज्य सहकारी बैंक कर्मचारी संघ का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड के कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख से मिला और अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वर्तमान में बैंकों की स्थिति कमजोर हो गई है। प्रबंधन की उदासीनता के चलते वह संकट के दौर से गुजर रहा है। शाखाओं में स्टेशनरी की समस्या, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर की समस्या, एसएमएस अलर्ट की समस्या, खराब एटीएम मशीन की समस्या सहित कई खामियों से जूझ रहा है। ऐसे में सहकारी बैंक बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करने में अन्य वाणिज्यिक बैंकों की तुलना में पिछड़ रहा है। बैंक के बेहतर संचालन के लिए सुनिश्चित कार्यबल के अनुपलब्धता के कारण विकास के अपेक्षित लक्ष्य को पाने में सफल नहीं हो पा रही है।
इन समस्याआें से कराया अवगत
ज्ञापन में बताया गया है कि मौजूदा कर्मचारी जो कार्यरत हैं, उन्हें वर्षों से प्रोन्नति, एसीपी/एमएसएपी,ग्रेड पे, मेडिक्लेम एवं ग्रुप इंश्योरेंस का लाभ नहीं मिला है। जिससे कर्मचारियों में काफी निराशा व्याप्त है। बैंक के सुसंचालन के लिए विभिन्न नीतियों यथा कर्मचारियों का सर्विस रूल, ट्रांसफर पॉलिसी आदि के अभाव में कर्मचारियों को कई लाभों से वंचित होना पड़ता है। मंत्री को इन सभी तथ्यों से अवगत कराते हुए इस मामले में हस्तक्षेप कर सकारात्मक पहल करने की मांग की गई। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि शीघ्र ही इस पर विचार कर सारी समस्याओं व विसंगतियों को दूर कर लिया जाएगा। उन्होंने सकारात्मक सोच के साथ आगे बढने की सलाह दी। कहा कि सभी मिलकर बाधाआें से पार पा लेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में ये रहे शामिल
प्रतिनिधिमंडल में झारखंड राज्य सहकारी बैंक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष चंदन प्रसाद,महासचिव राजीव रंजन, सुबल मंडल, के रमेश राव, निखिल बंका, मुकेश कुमार,संतोष साहू सहित अन्य शामिल थे। इससे पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख को एक पौधा देकर सम्मानित किया गया।