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MGNREGA ने फिर पकड़ी रफ्तार, DDC ने मांगा मजदूरों के बकाया का प्रखंडों से ब्योरा

कोरोना के बीच विकास योजनाओं पर भी काम चल रहा है। खासकर मनरेगा को लेकर पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन काफी सजग है। उपविकास आयुक्त परमेश्वर भगत ने ब्योरा मांगा है कि कहां कितने मजदूरों का बकाया है। प्रखंड में रिजेक्टेड ट्रांजैक्शन का ब्योरा भी शनिवार तक देने को कहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 12:57 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 12:57 PM (IST)
MGNREGA ने फिर पकड़ी रफ्तार, DDC ने मांगा मजदूरों के बकाया का प्रखंडों से ब्योरा
आपदा की स्थिति में लोगों को रोजगार देने के लिए पूर्व तैयारी कर लेने का निदेश दिया गया।

जमशेदपुर, जासं। कोरोना के बीच विकास योजनाओं पर भी काम चल रहा है। खासकर मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) को लेकर पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन काफी सजग है। उपविकास आयुक्त परमेश्वर भगत ने वर्चुअल मीटिंग करके प्रखंड विकास पदाधिकारियों से ब्योरा मांगा है कि कहां कितने मजदूरों का बकाया है। प्रखंड में रिजेक्टेड ट्रांजैक्शन का ब्योरा भी शनिवार तक देने को कहा है।

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उपविकास आयुक्त परमेश्वर भगत ने मनरेगा योजना पर हुई बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) व प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ) के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें वर्ष 2021-22 के लिए जिले की लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि, योजनाओं की स्वीकृति की वर्तमान स्थिति, बागवानी के लिए मिट्टी से संबंधित कार्य (गड्ढा खोदाई) की स्थिति, चयनित व कार्यरत बागवानी सखी की संख्या, भुगतान, प्रशिक्षण आदि की वर्तमान स्थिति, रिजेक्टेड ट्रांजैक्शन की स्थिति पर विमर्श किया गया।

हर बीडीओ को लेनी है पांच-छह योजना

उपविकास आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक पंचायत में कम से 200-250 मजदूरों को कार्य में संलग्न करना है। हर बीडीओ को प्रति ग्राम पांच-छह योजना लेना है, ताकि कोविड-19 के कारण सामने आई आपदा की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक इच्छुक लोगों को मनरेगा से जोड़कर रोजगार दिया जा सके। मनरेगा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार दिलाने में काफी मददगार साबित हुआ है। सभी के प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को कार्य उपलब्ध कराया जा पा रहा। सभी बीडीओ को एक बार फिर से इस आपदा की स्थिति में लोगों को रोजगार देने के लिए पूर्व तैयारी कर लेने का निदेश दिया गया। मनरेगा में कार्यरत मजदूरों को ससमय मजदूरी की राशि उनके खाते में जाए इसलिए सभी प्रखंडों को रिजेक्टेड ट्रांजैक्शन को एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेशन प्लान) के अनुरूप 15 मई तक रोजगार सृजन कार्यक्रम तय करने का निर्देश दिया गया है। जिले में 305 रिजेक्टेड ट्रांजैक्शन लंबित हैं, जिसमें सबसे ज्यादा बोड़ाम प्रखंड में 166 मामले लंबित हैं, जबकि पोटका, गुड़ाबांदा, धालभूमगढ़ में कोई भी मामला लंबित नहीं है।

कुल 49,339 योजना लंबित

मनरेगा के तहत जिले में कुल 49,339 योजना लंबित है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कर एमआइएस में इंट्री करने को कहा गया है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण भी शामिल है। इसके अलावा सभी कुआं की योजनाओं को बारिश के पूर्व भौतिक रूप से पूर्ण करना है। जिन 186 योजनाओं में शत प्रतिशत व्यय हो चुका है, उसे एमआइएस में दो दिनों के अंदर बंद करने का निर्देश दिया गया। 75 से सौ फीसद व्यय की गई 6662 योजनाओं को एक सप्ताह के अंदर एमआइएस में पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।


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