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एमजीएम की स्थिति बदतर तीमारदार कर रहे वार्ड ब्वाय का काम

जागरण संवाददाता जमशेदपुर आउट सोर्स कर्मियों के आंदोलन की वजह से महात्मा गांधी मेमोरियल

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 09:03 AM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 09:03 AM (IST)
एमजीएम की स्थिति बदतर तीमारदार कर रहे वार्ड ब्वाय का काम
एमजीएम की स्थिति बदतर तीमारदार कर रहे वार्ड ब्वाय का काम

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आउट सोर्स कर्मियों के आंदोलन की वजह से महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल की हालत बदतर हो गई है। हालात इतने खराब हैं कि मरीज के तीमारदारों को ही वार्डब्वाय का काम करना पड़ रहा है। एंबुलेंस से मरीज को उतारने का काम हो या उसे स्ट्रेचर पर लाद कर एक वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने का काम। सब मरीज के परिजन ही कर रहे हैं। जिन मरीजों के परिजन नहीं हैं या उनके साथ कोई महिला है तो दूसरे मरीजों के परिजन ये काम कर रहे हैं। इससे एमजीएम अस्पताल में बदतर स्थिति है।

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तीन सौ से अधिक कर्मचारी निकाले गए : अस्पताल में काम करने वाले तकरीबन 500 आउट सोर्स कर्मचारी आंदोलनरत हैं। इनमें से 300 से अधिक कर्मियों को सरकार ने निकाल दिया है। इनमें वार्डब्वाय, हेल्पर, ड्रेसर, चालक, लिफ्ट आपरेटर, इलेक्ट्रिक हेल्पर आदि शामिल हैं। निकाले गए कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। कर्मियों के नहीं होने से मरीजों को दिक्कत हो रही है। मंगलवार को एमजीएम अस्पताल में मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। मरीजों की मरहम-पट्टी करने वाला कोई नहीं था।

आधा घंटा खड़ी रही एंबुलेंस : बोड़ाम के बेलगोड़ा गांव के ईश्वर हेंब्रम के गिरने से कमर में फ्रैक्चर हो गया है। उन्हें वहां से एमजीएम अस्पताल लाया गया तो यहां आधा घंटा एंबुलेंस खड़ी रही। परिजन साबो हेंब्रम और राकेश हेंब्रम के साथ ही ईश्वर की पत्नी परेशान रही लेकिन, मरीज को एंबुलेंस से उतार कर इमरजेंसी में ले जाने वाला कोई नजर नहीं आया। बाद में परिजन डॉक्टर से मिले तो डॉक्टरों ने स्ट्रेचर का पता बताया और परिजन ही ईश्वर को उतार कर इमरजेंसी ले गए तब उनका इलाज शुरू हो सका।

महिलाएं मरीज को ले गई स्ट्रेचर पर : सालगाझड़ी की नेहा गागराई को सांस फूलने की बीमारी है। सोमवार की रात से उसकी हालत बेहद खराब हुई तो उसे एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसे दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया तो उसकी मां व एक अन्य महिला मरीज को स्ट्रेचर पर लाद कर इमरजेंसी तक लाई। इसी तरह, घाटशिला से आई सीमा की हालत बेहद खराब थी। परिजन जीप से उसे एमजीएम अस्पताल की इमरजेंसी तक लाए। यहां मरीज को उतारने वाला कोई नहीं था। एक घंटे तक इंतजार के बाद मरीज को परिजनों ने ही उतारा और इमरजेंसी में ले गए।

खुद गलती की, फटकार मरीज को लगाई : इमरजेंसी में जब सोनिया गागराई का इलाज करने डॉक्टर आई तो उन्होंने मरीज की मां से मरीज का नाम पूछा। मां ने उसका नाम सोनिया गागराई बताया तो डॉक्टर उस पर नाराज हो गई। बोलीं कि रजिस्टर में सोमा गागराई लिखाया है। इस पर मरीज की मां ने कहा कि उसने तो सही नाम बोला था। आप लोगों ने ही गलत किया होगा, लेकिन डॉक्टर नहीं मानीं और महिला को जमकर फटकार लगाई।


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