एमजीएम अस्पताल के आउटसोर्स कर्मी हड़ताल पर, मरीज अपने हाल पर Jamshedpur News
एमजीएम अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इससे अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है। बुधवार को न किसी तरह की जांच हुई और न ही कोई ऑपरेशन हुआ।
जमशेदपुर, जेएनएन। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारी बुधवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। इससे अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है। बुधवार को न किसी तरह की जांच हुई और न ही कोई ऑपरेशन हुआ। वार्डों में भी मरीजों को दिक्कत हो रही है क्योंकि अस्पताल में स्थायी नर्स की संख्या काफी कम है।
बुधवार को आउटसोर्स कर्मी अस्पताल पहुंचे जरूर लेकिन काम की बजाय मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की और अस्पताल के एक कोने में बैठ गए। आउटसोर्स कर्मियों में नर्स की संख्या 295 है। इसके अलावा 17-17 फर्मासिस्ट और टेक्नीशियन हैं। सबों को जुलाई और अगस्त का वेतन नहीं मिला है। अस्पताल प्रबंधन ने 20 अगस्त तक वेतन दिलाने का भरोसा दिलाया था। वेतन नहीं मिला तो बुधवार से हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया।
वार्ड से लेकर ओटी तक में नहीं हो रहा काम
पारा मेडिकल कर्मचारी अजय कुमार ने बताया कि सभी वार्ड से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक में काम नहीं कर रहे। केवल इमरजेंसी को एक दिन के लिए बाधित नहीं किया जाएगा। यदि बुधवार शाम तक भी वेतन का भुगतान नहीं होता है तब इमरजेंसी में भी काम नहीं करेंगे।
कभी भी समय पर नहीं मिला वेतन
पारा मेडिकल स्टाफ का कहना है कि एमजीएम अस्पताल में आउटसोर्स कर्मचारी 2015 से ही अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं, लेकिन संवेदक ने कभी भी समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया। नर्सों का कहना है कि संवेदक ने पिछले पांच माह से ईएसआइ, ईपीएफ और न एरियर छुट्टी आदि का ही भुगतान किया है।
वेतन न मिलने से हो रही परेशानी
समय पर वेतन न मिलने के कारण नर्सों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। नर्सों ने बताया कि पर्व-त्यौहार भी बिना पैसे का मना, बाहर से आकर जमशेदपुर में किराए के मकान में रहते हैं, किराया नहीं दिए हैं जिससे मकान मालिक भी घर खाली करने को कह रहे। खाने-पीने पर भी आफत आन पड़ी है।