केके सोन ने बदली थी गांव की बदल गई सूरत, अब एमजीएम अस्पताल की जगी आस
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव बनने के बाद गुरुवार को पहली बार केके सोन शहर पहुंच रहे हैं। उन्होंने डुमरिया प्रखंड के लखाईडीह गांव की पूरी सूरत बदल दी है। वे जब भी उस गांव में जाते तो ग्रामीण उनका स्वागत करना नहीं भूलते। 1990 के दशक में केके सोन डुमरिया प्रखंड के बीडीओ थे तब वे उस गांव में साइकिल चलाकर पहुंचे थे। उस गांव की स्थिति और लोगों का रहन-सहन देखकर वे काफी दुखी हुए थे और उस गांव की तस्वीर बदलने को ठान ली। इसके तहत उन्होंने उस गांव को गोद लिया और पूरे प्लानिग के साथ उसपर काम किया। आज उस गांव का कायाकल्प हो चुका है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव बनने के बाद गुरुवार को पहली बार केके सोन शहर पहुंच रहे हैं। उन्होंने डुमरिया प्रखंड के लखाईडीह गांव की पूरी सूरत बदल दी है। वे जब भी उस गांव में जाते तो ग्रामीण उनका स्वागत करना नहीं भूलते।
1990 के दशक में केके सोन डुमरिया प्रखंड के बीडीओ थे तब वे उस गांव में साइकिल चलाकर पहुंचे थे। उस गांव की स्थिति और लोगों का रहन-सहन देखकर वे काफी दुखी हुए थे और उस गांव की तस्वीर बदलने को ठान ली। इसके तहत उन्होंने उस गांव को गोद लिया और पूरे प्लानिग के साथ उसपर काम किया। आज उस गांव का कायाकल्प हो चुका है।
यह गांव जमशेदपुर मुख्यालय से लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित है। वर्ष 2018 में भी जब केके सोन जमशेदपुर आए थे तो वे लखाईडीह गांव जाना नहीं भूले। वह जैसी ही उस गांव में पहुंचे तो ग्रामीणों के चेहरे खिल गए। इस दौरान ग्रामीणों ने उनका भव्य तरीके से स्वागत किया था।
ऐसे में अब महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल का कायाकल्प होने की आस जग गई है। उनसे उम्मीद इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि वे जमशेदपुर के एसडीओ भी रह चुके हैं। ऐसे में वह एमजीएम अस्पताल की नब्ज अच्छी तरह से समझते हैं। उनके आगमन को देखते हुए बुधवार को अस्पताल में साफ-सफाई का काम चलता रहा।
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मंत्री बन्ना गुप्ता का भी है विशेष फोकस
एमजीएम अस्पताल स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। ऐसे में मंत्री का भी विशेष फोकस एमजीएम पर है। मंत्री बनने के बाद उन्होंने कहा था कि अगर मैं नहीं सुधार सकता एमजीएम तो फिर दूसरा कोई नहीं सुधार सकता।
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बीते पांच साल में सीएम से लेकर मंत्री तक आएं लेकिन नहीं दूर हुई समस्याएं
- 5 अप्रैल 2015 : तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी।
- 30 जनवरी 2016 : तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास।
- 18 अप्रैल 2016 : तत्कालीन मंत्री सरयू राय।
- 31 अगस्त 2017 : प्रदेश महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष कल्याणी शरण।
- 1 सितंबर 2017 : स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन सचिव सुधीर त्रिपाठी।
- 11 सितंबर 2017 : कोल्हान के तत्कालीन आयुक्त ब्रजमोहन कुमार
- 24 जुलाई 2018 : स्वास्थ्य विभाग की तत्कालीन सचिव निधि खरे।
- 13 दिसंबर 2018 : स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन सचिव डॉ. नितिन मदन कुलर्णी।
- 2 मार्च 2020 : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता एमजीएम अस्पताल पहुंचे।