करोड़ों रुपये के भवन में टूटने लगी टाइल्स, लोहे की जाली भी टूटी
करोड़ों रुपये की लागत से महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बने अत्याधुनिक भवन को हैंडओवर लिए अभी दो माह भी नहीं बीते कि उसकी टाइल्स टूटकर गिरने लगी है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : करोड़ों रुपये की लागत से महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बने अत्याधुनिक भवन को हैंडओवर लिए अभी दो माह भी नहीं बीते कि उसकी टाइल्स टूटकर गिरने लगी है। इसका खुलासा रविवार को नए अधीक्षक डॉ. संजय कुमार के निरीक्षण में हुआ।
डॉ. संजय कुमार ने देखा कि शिशु रोग विभाग में लगी टाइल्स का एक बड़ा हिस्सा टूटकर गिरा हुआ है। वहीं उसके बगल में लगी टाइल्स हिल रही है, जो कभी भी गिर सकती है और हादसे का खतरा मंडरा रहा है। इसे देख डॉ. संजय कुमार ने चिंता जाहिर की और भवन निर्माण विभाग के इंजीनियर को तलब किया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी इस संदर्भ में जानकारी देने की बात कहीं। रविवार को छुंट्टी होने के बावजूद डॉ. संजय कुमार ने पूरे टीम के साथ करीब तीन घंटे तक अस्पताल का निरीक्षण किया और एक-एक खामियों को अपने डायरी में नोट किया। इस दौरान देखा गया कि जगह-जगह पर नालियों पर लगी लोहे की जाली टूट गई है। इसे एक माह पूर्व ही लगाया गया था। इस अवसर पर झारखंड राज्य चिकित्सा संघ के प्रदेश महामंत्री अमरनाथ सिंह, प्रशासनिक विभाग के राजीव बनर्जी, अमन कुमार, भोला कुमार, लक्ष्मीपति दास, सफाई ठेकेदार टुनटुन दूबे सहित अन्य उपस्थित थे।
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इमरजेंसी से गायब मिले डॉक्टर को शो-कॉज
अधीक्षक इमरजेंसी में गए तो जूनियर डॉक्टर शंकर प्रसाद गायब मिले। इसके बाद उन्हें अनुपस्थित करते हुए शो-कॉज नोटिस जारी किया गया। अधीक्षक ने कहा कि अब किसी तरह की लापरवाही नहीं चलने वाली है। सीनियर हो या जूनियर सभी डॉक्टरों को अपनी-अपनी ड्यूटी करनी होगी। वार्ड में भी शाम के वक्त चिकित्सकों की राउंड अनिवार्य की जाएगी। वहीं शाम के वक्त ओपीडी में भी सीनियर डॉक्टरों को बैठना होगा।
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शिशु रोग विभाग में खराब मिले आधे से अधिक पंखा
शिशु रोग विभाग में आधे से अधिक पंखा खराब मिले। सभी पंखे गंदगी अटे पड़े हैं। अधीक्षक ने कहा कि इसे जल्द बनवाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने जगह-जगह पर मिली गंदगी को भी साफ करने का निर्देश दिया।
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भीड़ को देखते हुए लिए जा सकते कई फैसले
अधीक्षक ने कहा कि अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उसे ध्यान में रखते हुए कई फैसले लिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक भवन में संचालित काउंटरों को भवन के पिछले हिस्सों में शिफ्ट किया जा सकता है। इससे एक ही जगह पर भीड़ कम होगी और मरीजों को वार्ड में शिफ्ट करने में भी आसानी होगी। वहीं अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, सिटी स्कैन कराने वाले मरीजों को भी परेशानी नहीं होगी। इसके साथ ही अस्पताल परिसर के बाहर पार्किग बनाने पर जोर दिया गया। अधीक्षक ने कहा कि सभी विभागाध्यक्षों की एक बैठक बुलाई गई है, उसमें कई निर्णय लिया जाएगा।
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अधीक्षक ने अपने डायरी में किया नोट
- टेंपो की इंट्री बंद होगी। फिलहाल अस्पताल परिसर के अंदर ही टेंपो खड़े रहते हैं।
- दस दिनों के अंदर ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने की तैयारी।
- इमरजेंसी के लिए अलग से बनाए जाएंगे रजिस्ट्रेशन काउंटर।
- शाम के समय ओपीडी व इनडोर में सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी सुनिश्चित की जाएगी।
- जंग खा रही शव गाड़ी को चलाने का प्रयास।