इलाज के लिए दिनभर भटकती रही नौ माह की गर्भवती
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार को एक गर्भवतीमहिला इलाज के लिए दिनभर भटकती रही।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार की रात मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। नौ माह की गर्भवती शाम सात बजे से लेकर रात नौ बजे तक वह महिला एवं प्रसूति विभाग के नीचे बैठी रही, लेकिन उसे भर्ती नहीं किया गया। इसकी सूचना उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी को दी गई तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भर्ती करने का निर्देश दिया। इसके बावजूद भी महिला एवं प्रसूति विभाग में तैनात डॉक्टरों द्वारा सही व्यवहार नहीं किया। चिकित्सकों ने मरीज को फटकार लगाते हुए कहा कि पैरवी लगाती हो?
डुमरिया प्रखंड के भागाबांधी गांव निवासी गीता मुखी नौ माह की गर्भवती है। सुबह नौ बजे वह डुमरिया स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। वहां से सहिया बसंती देवी ने उसे लेकर जमशेदपुर सदर अस्पताल पहुंची। वहां महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ नहीं होने की बात कहते हुए एमजीएम रेफर कर दिया गया। यहां आने पर उसे भर्ती नहीं किया जा रहा था। डॉक्टरों द्वारा कहा गया कि शरीर में खून की कमी है, पहले खून लेकर आइए। फिर भर्ती किया जाएगा। इस कारण से गर्भवती दो घंटे तक महिला एवं प्रसूति विभाग के बाहर बैठकर इलाज की गुहार लगाते रही। मरीज के परिजन का कहना था कि डॉक्टर अगर इस तरह के बर्ताव करेंगे तो मरीज किसके पास जाएंगे।
'घटना की जानकारी मिली है। मरीज को भर्ती करने का निर्देश दे दिया गया है। डॉक्टरों को मरीज के साथ बेहतर ढंग से पेश आना चाहिए। इसे लेकर कई बार दिशा-निर्देश भी दिया जा चुका है। इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम।