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न इलाज मिल रहा और न ही कर्मचारियों का वेतन

मंत्रीजी बदल डालिए सिस्टम यहां न गंभीर मरीजों को इलाज मिल रहा और न ही कर्मचारियों को समय पर वेतन। यह सवाल शनिवार को तब गूंजने लगा जब झारखंड सरकार के खाद्य-आपूर्ति मंत्री सरयू राय कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 07:27 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 07:27 AM (IST)
न इलाज मिल रहा और न ही कर्मचारियों का वेतन
न इलाज मिल रहा और न ही कर्मचारियों का वेतन

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मंत्रीजी बदल डालिए सिस्टम, यहां न गंभीर मरीजों को इलाज मिल रहा और न ही कर्मचारियों को समय पर वेतन। यह सवाल शनिवार को तब गूंजने लगा जब झारखंड सरकार के खाद्य-आपूर्ति मंत्री सरयू राय कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। वह जैसे ही इमरजेंसी विभाग पहुंचे तो मरीजों के परिजनों ने उन्हें घेर लिए और मदद की गुहार लगाने लगे। इसमें एक मरीज का नाम संगीता देवी है। बालीगुमा निवासी टुनटुन सिंह मंत्री के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए और अपनी पीड़ा सुनाकर रोने लगे। उनकी परेशानी देखकर मंत्री भी घबरा गए। तत्काल सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद को मेडिट्रिना हॉस्पिटल में भर्ती कराने का निर्देश दिए। संगीता देवी हार्ट की बीमारी से जूझ रहीं है। उनके पति टुनटुन सिंह बताते है कि मरीज के पास आयुष्मान कार्ड से लेकर लाल कार्ड सभी मौजूद हैं, इसके बावजूद अस्पतालों में उन्हें भर्ती नहीं लिया जा रहा है। वह बीते पांच दिनों से आयुष्मान भारत योजना के तहत करार हुए सभी अस्पतालों का चक्कर लगा रही हैं। वहीं इमरजेंसी में एक मानसिक रोगी भर्ती था, जिसका इलाज एमजीएम में संभव नहीं है। इसे देखते हुए मंत्री ने उन्हें रांची रिम्स में जाने की सलाह दी और कोई दिक्कत होने पर उनसे सीधे बात करने को कहा। इसके बाद जैसे ही वह अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ने लगे की आउटसोर्स कर्मचारियों ने घेर लिया। इसमें टेक्नीशियन, नर्स सहित अन्य कर्मचारी शामिल थे। नर्सो का कहना था कि उन्हें बीते दो माह से वेतन नहीं मिला है। इसके साथ ही न तो उन्हें स्पेशल छुंट्टी मिलती है और न ही राष्ट्रीय छुंट्टी। राष्ट्रीय छुंट्टी के दिन काम लिया जाता है और उसका पैसा भी नहीं मिलता। एजेंसी के खिलाफ तमाम शिकायतें मिलने के बाद मंत्री ने संचालक को सिस्टम सुधारने का निर्देश दिया। मंत्री ने यहां तक कहा कि एजेंसी किसी तरह की गड़बड़ी करेगी तो उसपर श्रम अधीक्षक सीधे कार्रवाई करेंगे। मंत्री सरयू राय का यह सातवां दौरा था।

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इस अवसर पर एमजीएम अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार, उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी, रेडियोथेरेपी विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार, डॉ. आरवाई चौधरी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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मंत्री ने कहा-अस्पताल में आधारभूत संरचना की कमी, बुलाई गई बैठक

सरयू राय ने कहा कि अस्पताल में आधारभूत संरचना की कमी है। इमरजेंसी विभाग में बेड नहीं होने की वजह से मरीजों को कुर्सी पर बैठाकर इलाज किया जा रहा है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इमरजेंसी विभाग होनी चाहिए। वहीं बिजली, पानी व ड्रेनेज सिस्टम को लेकर मंत्री ने एक बैठक बुलाने की बात कहीं, जिसमें संबंधित विभाग के सभी पदाधिकारी मौजूद होंगे। मंत्री ने कहा कि विभाग के कार्यो में शिथिलता आ जाने होने के कारण योजनाएं धरातल पर उतरने में देरी हो रही है।

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33 डॉक्टर में सिर्फ चार ने ही दिया योगदान

हाल ही में सरकार ने एमजीएम अस्पताल में कुल 33 डॉक्टरों की नियुक्ति की थी। इसमें सिर्फ चार डॉक्टर ने ही योगदान दिया है। शेष अब तक नहीं आए हैं। जबकि एक सप्ताह के अंदर सभी को योगदान देना था। सरयू राय ने कहा कि नियुक्ति के बाद डॉक्टर योगदान क्यों नहीं देना चाहते, इसपर मंथन करने की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पताल में डॉक्टर दो ही कारणों से आते हैं। एक सिखने व दूसरा सेवा करने के लिए। इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए। एक ऐसी पॉलिसी बनाने की जरूरत है जिससे राज्य में खुलने वाले चार नए मेडिकल कॉलेज अच्छे ढंग से चल सकें। मेडिसीन, महिला एवं प्रसूति विभाग, शिशु रोग व सर्जरी विभाग में एक भी नए डॉक्टर नियुक्त नहीं किए गए हैं।

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अगस्त से बदलेगी एमजीएम की व्यवस्था

अगस्त से एमजीएम की व्यवस्था बदलने की उम्मीद है। सफाई, ड्रेसर सहित अन्य कर्मचारियों की कमी करीब-करीब दूर हो जाएगी। इसके लिए टेंडर निकाल दिया गया है। वहीं अस्पताल में बिजली, पानी व ड्रेनेज सिस्टम का कार्य भी पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

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