एमजीएम अस्पताल में नहीं लग सका ऑक्सीजन प्लांट, एजेंसी को नोटिस Jamshedpur News
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लिक्विड गैस पाइप लाइन का काम धीमा है। कार्य एजेंसी को नोटिस दिया गया है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लिक्विड गैस पाइल लाइन का कार्य धीमी गति से चल रही है। अभी तक ऑक्सीजन प्लांट नहीं लग सका। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी ने नाराजगी जाहिर की है। साथ ही इस संदर्भ में एमजीएम प्रबंधन को एक रिपोर्ट भी जारी की है।
इसमें बताया गया है कि गैस पाइप लाइन अधिष्ठापन का कार्य नियत समय से विलंब से चल रहा है। कार्यादेश के अनुसार तीन माह में कार्य पूर्ण किया जाना था, जो अभी तक नहीं हो सका है। संबंधित एजेंसी के विपत्र में विलंब अवधि के लिए आवश्यक कटौती करने एवं एक माह के भीतर कार्य पूर्ण करने हेतु उन्हें अंतिम नोटिस देने का निर्देश निर्गत किया गया है। करीब पांच करोड़ रुपये की लागत से एमजीएम अस्पताल में गैस पाइन लाइन व ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इसका टेंडर दिसबंर 2018 में ही फाइनल हो गया था और मार्च तक कार्य पूरा करना था, लेकिन जुलाई माह में भी कार्य पूरा नहीं हो सका है।
ऑक्सीजन की नहीं होगी दिक्कत
एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि अगस्त के पहले सप्ताह तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा। ऑक्सीजन प्लांट बैठ जाने से मरीजों को ऑक्सीजन के लिए दिक्कत नहीं होगी। इसकी सप्लाई गैस पाइल लाइन से होगी। फिलहाल ऑक्सीजन बाहर से खरीद कर लानी पड़ती है। वहीं पाइप लाइन की सुविधा भी नहीं है जिसके कारण सिलिंडर के माध्यम से मरीजों को ऑक्सीजन चढ़ाई जाती है।
अस्पताल का जेनरेटर भी नहीं कर रहा कार्य : सचिव
डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट में बिजली समस्या को भी गंभीरता से लिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल का जेनरेटर कार्यरत नहीं है, जो अत्यंत गंभीर विषय है। जेनरेटर की आपूर्ति मात्र कुछ स्थानों के लिए है। विद्युत आपूर्ति के अभाव में प्राय: अस्पताल का कार्य प्रभावित हो रहा है। अस्पताल में सातों दिन 24 घंटे विद्युत आपूर्ति आवश्यक है। इस दिशा में अस्पताल प्रबंधन को तत्काल कार्रवाई करना चाहिए।
पुराने भवन किया जाएगा धवस्त
रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल परिसर में कुछ पुराने जर्जर भवन अवस्थित हैं, जिसे ध्वस्त किया जाना है। अस्पताल प्रशासन तत्काल भवन निर्माण विभाग को इन भवनों की सूची उपलब्ध कराएगा, जिनके द्वारा नियमानुसार उक्त भवनों को हटाने एवं ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।