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बीमार सिस्टम को मंत्री ने देखा, इमरजेंसी में न बेड और न ही चादर

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पताल अब अव्यवस्था का पर्याय बन गया है। यहां न पर्याप्त बेड हैं न पर्याप्त डॉक्टर। साफ-सफाई चौपट। कुछ है तो बस कागजी प्रस्ताव।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 07:27 AM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 06:32 AM (IST)
बीमार सिस्टम को मंत्री ने देखा, इमरजेंसी में न बेड और न ही चादर
बीमार सिस्टम को मंत्री ने देखा, इमरजेंसी में न बेड और न ही चादर

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पताल अब अव्यवस्था का पर्याय बन गया है। यहां न पर्याप्त बेड हैं, न पर्याप्त डॉक्टर। साफ-सफाई चौपट। कुछ है तो बस कागजी प्रस्ताव। ये हो जाएगा..वो हो जाएगा.. वाला रवैया। जमीन पर होता कुछ दिखता नहीं। पहले भी मरीज फर्श पर लेटकर इलाज कराते थे, आज भी कराते हैं। यह हालत तब भी नहीं बदली, जब दो माह में झारखंड सरकार के मंत्री सरयू राय खुद पांच बार अस्पताल का दौरा कर चुके हैं। उनका पांचवा दौरा सह निरीक्षण बुधवार को था। निराशाजनक बात यह कि पांचवे दौरे में भी मंत्री एमजीएम की व्यवस्था देख मायूस हुए। नाराज भी हुए। मायूस इमरजेंसी के एक-एक बेड पर तीन-तीन मरीजों को भर्ती देख हुए। कई मरीज तो कुर्सी पर ही इलाज करा रहे थे। इसका कारण पूछा तो मायूसी और बढ़ी। बताया गया कि दस बेड के इमरजेंसी में 38 बेड एडजस्ट किए गए हैं। अब और बेड नहीं बढ़ा सकते। इंच भर जगह नहीं है। आठ साल पहले इमरजेंसी को 50 बेड का बनाने का 'प्रस्ताव' भेजा गया था। यह 'प्रस्ताव' अब तक 'प्रस्ताव' ही है। इस बीच आठ साल गुजर गए। इमरजेंसी में गंदगी देख मंत्री नाराज हुए तो सफाई कराई गई। वहीं आयुष्मान भारत योजना के तहत खोले गए काउंटर भी बंद थे। कंप्यूटर ऑपरेटरों की कमी से यह समस्या उत्पन्न हो रही है।

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एमजीएम में ये होगा..वो होगा सुनकर खुश रहिए

आइये अब बात करते हैं एमजीएम में क्या क्या होगा। कब होगा? होगा भी कि नहीं? इसकी बात छोड़ दीजिए। क्योंकि आठ साल से तो 10 बेड के इमरजेंसी के 50 बेड का करने का प्रस्ताव अबतक प्रस्ताव ही है, ऐसे में आगे के ये प्रस्ताव क्या रंग लाते हैं, देखने वाली बात है।

1. एमजीएम अस्पताल को जल्द ही 60 वरीय रेजीडेंट डॉक्टर व 50 असिस्टेंट प्रोफेसर मिलने वाले है।

2. 100 पदों पर स्वीपर कर्मचारियों की बहाली होगी। विभाग की प्रक्रिया से इतर मंत्री ने कहा कि फिलहाल सौ स्वीपर को बहाली कर लें।

3. पानी-बिजली की समस्या दूर होगी। सरयू राय ने कहा कि उनकी प्राथमिकता में पानी-बिजली की समस्या दूर करना है।

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मंत्री के दौरे के बाद ये फायदा हुआ

1. मंत्री सरयू राय ने मुख्य सचिव व स्वास्थ्य सचिव से लगातार बात कर आउटसोर्स कर्मचारियों के रद्द किये गए पदों को दोबारा बहाल कराया। इसपर बहाली प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुछ पदों पर तकनीकी गड़बड़ी होने के कारण उसे विभाग को फिर से भेजा गया है।

2. एमजीएम अस्पताल के सात वरीय रेजीडेंट डॉक्टर व पांच ट्यूटरों को सेवा विस्तार दिलाया। वे सभी कार्य कर रहे हैं।

3. बर्न यूनिट में खराब पड़े एयर कंडीशन देखने के बाद उन्होंने ठीक करने का निर्देश दिया था। उसे अब ठीक कर लिया गया है।

4. मंत्री सरयू राय की पहल पर हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए विभाग ने निरोया साफ्टवेयर एजेंसी से करार किया।

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प्रस्ताव..प्रस्ताव और प्रस्ताव..

1. एमजीएम अस्पताल में आधे अधूरे बीएससी (बैचलर ऑफ साइंस) नर्सिग कॉलेज को खोलने के लिए प्रस्ताव मांग विभाग को भेजा।

2. एमजीएम अस्पताल, जूनियर हॉस्टल व डॉक्टर क्वार्टर को विकसित करने व पानी के लिए 41 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति प्रदान करने को लेकर विभाग को भेजा।

3. एमजीएम में तीन प्रशासक को बहाल कराने के लिए प्रयास तेज। अबतक विभाग के पास फंसी है प्रस्ताव की फाइल।

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मंत्री सरयू राय ने पांच बार किया एमजीएम का निरीक्षण

5 अप्रैल : मंत्री सरयू राय ने पहली बार निरीक्षण किया था। तब मुख्य सचिव व स्वास्थ्य सचिव से फोन पर उन्होंने पूछा था कि एमजीएम को व्यवस्था ढंग से चलाने के लिए अबतक विभाग ने क्या किया।

परिणाम : कोई व्यापक पहल नहीं

- 12 अप्रैल : दूसरी बार सरयू राय एमजीएम पहुंचे। वरीय रेजीडेंट डॉक्टर व ट्यूटर को सेवा विस्तार करने को कहा था।

परिणाम : सेवा विस्तार दिया गया।

- 19 अप्रैल : तीसरे सप्ताह सरयू राय पहुंचे। कहा-जबतक व्यवस्था नहीं सुधर जाता तबतक कोशिश जारी रहेगी।

परिणाम : अभी भी कोशिश ही जारी।

- 29 अप्रैल : चौथी बार मंत्री सरयू राय एमजीएम पहुंचे। बर्न वार्ड में खराब पड़े एयर कंडीशन को ठीक करने का निर्देश दिया था।

परिणाम : ठीक कर लिए गए।

- 29 मई : पांचवी बार मंत्री सरयू राय एमजीएम पहुंचे। इमरजेंसी विभाग का निरीक्षण किया। साथ ही तेज गति से कर्मचारियों की बहाली का निर्देश दिया।

परिणाम : मामला प्रक्रिया में।

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एमजीएम पर ये होगा, कब होगा न पूछें

- डॉक्टर हॉस्टल नंबर 1 : पानी के कार्य पर कुल 38 लाख 91 हजार 400 रुपये खर्च किया जाएगा।

- डॉक्टर हॉस्टल नंबर 2 : पानी के कार्य के लिए 49 लाख 42 हजार 350 रुपये खर्च होगा।

- एमजीएम कॉलेज के मुख्य भवन : 83 लाख रुपये की लागत से मरम्मतीकरण का कार्य होगा।

- एएनएम हॉस्टल : एमजीएम अस्पताल में स्थापित एएनएम हॉस्टल पर कुल 60 लाख रुपये खर्च होगा।

- प्रशासनिक भवन : भवन मरम्मतीकरण का कार्य के लिए कुल 55 लाख रुपये खर्च होगा।

- डॉक्टर्स क्वार्टर : डॉक्टर्स क्वार्टर पर कुल 30 लाख रुपये खर्च किया जाएगा।

- स्टाफ क्वार्टर : स्टाफ क्वार्टर पर कुल एक करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा।

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अस्पताल के सुधार के लिए सरयू राय का निर्देश

- सरयू राय ने कहा कि उनकी कोशिश होगी की निचले पायदान पर कर्मचारियों की बहाली की जिम्मेवारी अस्पताल प्रबंधन को दी जाए। ताकि जरूरत के अनुसार रिक्त पदों को भरा जा सकें।

- अस्पताल में बेहतर चिकित्सा व व्यवस्था में सुधार के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। जो, साफ-सफाई से लेकर कर्मचारी व डॉक्टरों की कार्यशैली पर नजर रखेगी।

- सिस्टम के तहत अस्पताल चलें, इसपर कार्य करने की जरूरत है।

- सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों के वेतन कम है, जिसे कैबिनेट में पास कराया जा सकता है। रांची रिम्स में सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों का वेतन एक लाख दस हजार है। जबकि एमजीएम में 60 हजार रुपये मिलता है।

- कई चिकित्सक वर्षो से सीनियर रेजीडेंट के पदों पर कार्यरत है लेकिन उनका वेतन व प्रोन्नति नहीं मिली है।

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