खंडहर बन गया एमजीएम का बीएससी नर्सिग कॉलेज
शहरवासियों को बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) नर्सिग कॉलेज का सपना जल्द ही पूरा हो सकता है। मंत्री सरयू राय ने महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार से एक प्रस्ताव मांगा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहरवासियों को बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) नर्सिग कॉलेज का सपना जल्द ही पूरा हो सकता है। मंत्री सरयू राय ने महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार से एक प्रस्ताव मांगा है। जिससे जल्द से जल्द नर्सिग कॉलेज को खुलवाया जा सके।
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 25 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक बीएससी नर्सिग कॉलेज बनकर तैयार है जबकि विभाग की उदासीनता से यह अब खंडहर में परिर्वतन होने लगा है।
चार मंजिला भवन में पेड़ उगने लगे हैं। अगर जल्द ही इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो टूटकर गिरने भी लगेगा। हाल ही में एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण करने उपायुक्त अमित कुमार पहुंचे थे। उन्होंने भी इस भवन को देखकर हैरानी जतायी थी और प्रस्ताव तैयार कर मांगा था। जिससे इस भवन का बेहतर सदुपयोग किया जा सके।
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पांच साल पूर्व ही शुरू होनी थी बीएससी कोर्स
एमजीएम अस्पताल में नवनिर्मित भवन करीब पांच साल से बनकर तैयार है। वर्ष 2009 में इस भवन को बनाने का कार्य शुरू हुआ था। वर्ष 2014 से यहां पर बीएससी नर्सिग कोर्स शुरू करना था। इससे छात्र-छात्राओं को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। फिलहाल बीएससी की पढ़ाई सिर्फ टीएमएच नर्सिग कॉलेज में होती है। मजबूरी में छात्राओं को बाहर जाना पड़ता था। वहीं सदर अस्पताल में एएनएम स्कूल खोला जाना। इसमें 30 सीट होगी। अगले सत्र की पढ़ाई अक्टूबर माह से शुरू होगी।
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बीएससी नर्सिग क्या है
बीएससी नर्सिग या बैचलर ऑफ साइंस इन नर्सिग एक अंडर ग्रेजुएट नर्सिग कोर्स है। यह स्वास्थ्य देखभाल व्यवसाय है जो व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों की देखभाल पर ध्यान केंद्रित करता है। पाठ्यक्रम के दौरान यह नर्सो को सिखाया जाता है कि कैसे एक विशेष प्रकार की विशेषताओं में काम करने के लिए जहां वे स्वतंत्र रूप से और एक टीम के भाग के रूप में देखभाल, योजना, कार्यान्वयन और देखभाल का मूल्यांकन करना है। कोर्स की अवधि चार साल है।