गंभीर मरीज के लिए अस्पताल पहुंचे निकाले गए ड्रेसर
एमजीएम अस्पताल में रविवार को तड़प रही मरीज का ड्रेसिंग नहीं हो पा रहा था। मजबूरी में अस्पताल से निकाले गए दो ड्रेसरों को फोन करके बुलाया गया। मानवता की वजह से दोनों ड्रेसर अस्पताल पहुंचे और मरीज का ड्रेसिंग किए। उसकी गंभीर हालत बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में रविवार को तड़प रही मरीज का ड्रेसिंग नहीं हो पा रहा था। मजबूरी में अस्पताल से निकाले गए दो ड्रेसरों को फोन करके बुलाया गया। मानवता की वजह से दोनों ड्रेसर अस्पताल पहुंचे और मरीज का ड्रेसिंग किए। उसकी गंभीर हालत बनी हुई है।
गम्हरिया स्थित कमलपुर गांव निवासी मंगली कैवर्त (75) सुबह की गर्दन पर एक कुत्ता ने हमला कर दिया। करीब पांच से सात मिनट तक उसके गर्दन को अपने दांतों से दबाए रखा। जब स्थानीय लोगों की नजर पड़ी तो वे कुत्ते को भगाए और महिला को एमजीएम अस्पताल पहुंचाए। महिला की गर्दन लगातार खून बह रहा था। सुबह करीब दस बजे जब वह एमजीएम पहुंची तो ड्रेसिंग रूम खाली पड़ा था। इसी बीच झारखंड राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री अमरनाथ सिंह ने दो ड्रेसरों (कार्तिक सिंह व चंदन कुमार) को घटना की जानकारी दी। इसके 10 से 12 मिनट के अंदर दोनों ड्रेसर अस्पताल पहुंचे और मरीज की ड्रेसिंग की। इसके बाद महिला का खून रूका। ये दोनों वही ड्रेसर हैं जो पूर्व में अनुबंध पर कार्यरत थे। लेकिन, अब सरकार ने सभी ड्रेसर का पद खत्म कर दिया है। जिसके कारण इनलोगों को हटना पड़ा है। दोनों ड्रेसरों को मरीज के परिजन धन्यवाद दिए। अस्पताल में एक भी ड्रेसर नहीं होने की वजह से जैसे-तैसे अप्रशिक्षित हाथों से मरीजों को स्टिच लगाया जा रहा है। महिला की स्थिति गंभीर है, उसे सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया है। एमजीएम में ड्रेसर के 37 पद स्वीकृत हैं।
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पांच घंटे तक दोनों ड्रेसरों ने संभाल रखा इमरजेंसी विभाग
चंदन कुमार व कार्तिक सिंह जब एमजीएम पहुंचे तो देखा कि ड्रेसिंग रूम में कई मरीज पड़े हुए हैं, जिनका ड्रेसिंग करने वाला कोई नहीं है। इसे देखते हुए दोनों ड्रेसिंग रूम में तैनात हो गए और बारी-बारी से करीब आधे दर्जन मरीजों को ड्रेसिंग कर वार्ड में शिफ्ट किए। इसमें मरीज रंजन कुमार, अमित राज, एक बुजुर्ग सहित अन्य शामिल रहे। ये सभी सड़क दुर्घटना में शिकार होकर पहुंचे थे।
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