एमजीएम के दस डॉक्टरों का अनुबंध खत्म
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की परेशानियां बढ़ने वाली हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की परेशानियां बढ़ने वाली हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि तीन साल के अनुबंध पर बहाल दस सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों का अनुबंध अगले चार दिनों में खत्म होने वाला है। इन्होंने सेवा अवधि विस्तार के लिए विभाग को पत्र लिखा तो था, लेकिन उन्हें विस्तार देने से इन्कार कर दिया गया। इससे चिकित्सकों में भी आक्रोश है। विभाग के अनुसार अब नए सिरे से चिकित्सकों की बहाली होगी।
बताते चलें कि एमजीएम में वरीय रेजीडेंट के कुल 109 पद स्वीकृत हैं, इसमें 29 डॉक्टर कार्यरत थे। अब सिर्फ 19 डॉक्टर ही बचेंगे। इनके ऊपर रोजाना करीब साढ़े तीन हजार मरीजों का इलाज करने की जिम्मेदारी होगी। अस्पताल में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है। वार्ड में सिर्फ एक बार ही डॉक्टर राउंड लेते हैं। इसके बाद ढूंढ़ने से भी नहीं मिलते है। इसकी वजह से कई बार मरीजों को जान भी गंवाना पड़ा है।
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44 स्वीपर व सफाई-कर्मियों का कटेगा वेतन
एमजीएम अस्पताल में सफाई कर्मियों का फर्जीवाड़ा सामने आया है। उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी ने बीते सोमवार को उनकी हाजिरी जांची तो कुल 44 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। वहीं पांच ऐसे कर्मचारी भी शामिल मिले जिन्होंने अगले चार-पांच दिनों का एडवांस हाजिरी बना रखा था। उपाधीक्षक ने इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित ठेकेदार को एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी के निर्देश के बाद उपाधीक्षक सभी कर्मचारियों की हाजिरी नियमित रूप से जांच करते हैं।
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31 के बाद हट जाएगा जी अलर्ट एजेंसी
एमजीएम की सुरक्षा व्यवस्था अब होमगार्ड जवानों के भरोसे होगी। 31 दिसंबर को सुरक्षा एजेंसी जी अलर्ट को अस्पताल से हटा दिया जाएगा। उसके स्थान पर होमगार्ड के जवान तैनात होंगे। अस्पताल प्रबंधन ने जवानों की संख्या बढ़ाये जाने को लेकर उपायुक्त को पत्र लिखने की तैयारी में है। फिलहाल अस्पताल में 48 जवानों की संख्या है। वहीं एमजीएम कॉलेज से जी अलर्ट एजेंसी को हटा दिया गया है। वहां की सुरक्षा भी अब होमगार्ड के जवानों के भरोसे है।
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226 नर्स के पद खाली, टेक्नीशियन एक भी नहीं
एमजीएम अस्पताल में चिकित्सक ही नहीं बल्कि नर्स, स्वीपर, टेक्नीशियन सहित अन्य कर्मचारियों का भी अकाल है। किसी तरह अस्पताल चल रहा है। एक्सरे तकनीशियन को छोड़ दिया जाए तो किसी भी विभाग में तकनीशियन खोजने से भी नहीं मिलेगें। आइसीयू जैसे विभाग में भी नहीं है। एमजीएम के अलग-अलग विभागों में कुल 32 तकनीशियन की आवश्कता है लेकिन एक भी नहीं है। इसी तरह, नर्सो के कुल 226 पद रिक्त पड़ा हुआ है। सिर्फ 48 से ही काम चलाया जा रहा है। अस्पताल में नर्सो के कुल 274 पद स्वीकृत है।
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