एमजीएम के प्रोफेसर डा. बीरेंद्र प्रसाद की मौत, शहर में शोक की लहर
दो दिन पूर्व सांस लेने व बुखार की शिकायत होने पर उन्हें टीएमएच में भर्ती कराया गया था।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. बीरेंद्र प्रसाद (69) की मौत मंगलवार को टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में हो गई। दो दिन पूर्व सांस लेने व बुखार की शिकायत होने पर उन्हें टीएमएच में भर्ती कराया गया था। डॉ. बीरेंद्र प्रसाद फिलहाल एमजीएम कॉलेज में अनुबंध पर तैनात थे। इससे पूर्व वह एमजीएम अस्पताल के शिशु रोग विभागाध्यक्ष रह चुके हैं। उनकी मौत की सूचना मिलने के बाद चिकित्सकों में शोक की लहर है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव
डॉ. मृत्युंजय सिंह ने गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से पूरे शहर को क्षति पहुंचा है। उनकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती। वहीं, जमशेदपुर नर्सिंग होम एसोसिएशन के सचिव डॉ. सौरव चौधरी ने कहा कि वह उनसे लगातार संपर्क में थे। सोमवार की शाम को उनसे मेरी बात हुई है। मंगलवार की सुबह उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, जहां शाम 5.30 बजे मौत हो गई। डॉ. बीरेंद्र प्रसाद आदित्यपुर निवासी हैं।
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एमजीएम के पूर्व छात्रों ने कहा-उनकी कमी हमेशा खलेगी
एमजीएम के पूर्व छात्र सह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डॉ. संतोष गुप्ता ने दुख जताते हुए कहा कि उनकी कमी हमेशा खलेगी। डॉ. संतोष गुप्ता ने कहा कि डॉ. बीरेंद्र प्रसाद सर ने मुझे पढ़ाया है। वे एक अच्छे चिकित्सक के साथ-साथ विनम्र स्वभाव, कुशल व्यवहार व हंसमुख व्यक्तित्व के धनी थे।
वेंटिलेटर चलाने को चिकित्सकों को दिया गया प्रशिक्षण : कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से सभी चितित है। मंगलवार को कोल्हान स्तरीय एक टीम एमजीएम अस्पताल पहुंची। टीम में एमजीएम के एनेस्थेसिया विभागाध्यक्ष डा. आरवाई चौधरी, डा. अभिजीत कुमार व केएन चंद्रा ने चिकित्सकों को वेंटिलेटर चलाने का प्रशिक्षण दिया। चिकित्सकों को बताया गया कि किस परिस्थिति में कितना आक्सीजन देना है और किस परिस्थिति में आईसीयू में भेजना है। एमजीएम अस्पताल में फिलहाल 16 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं।