लाइट बंद कर थाना प्रभारी व दारोगा को पीटा
डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज शनिवार रात करीब एक बजे से बाद से रविवार की सुबह तक रणक्षेत्र बना रहा। मेडिकल छात्रों के पीटने से उलीडीह के थाना प्रभारी व दारोगा को गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों का इलाज टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में चल रहा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज शनिवार रात करीब एक बजे से बाद से रविवार की सुबह तक रणक्षेत्र बना रहा। मेडिकल छात्रों के पीटने से उलीडीह के थाना प्रभारी व दारोगा को गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों का इलाज टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में चल रहा है।
रविवार सुबह पांच बजे तक बड़ी संख्या में जिला पुलिस बल की तैनाती रही। स्थिति बिगड़ती जाने से मौके पर सिटी एसपी प्रभात कुमार दल-बल के साथ पहुंचे और एमबीबीएस छात्रों के हॉस्टल की चारों ओर से घेराबंदी कर ली, जिससे आरोपित छात्र फरार नहीं हो सके। हालांकि तबतक मौका पाकर वे छात्र फरार हो चुके थे, जिनकी पुलिस को तलाश थी।
रविवार की सुबह ग्रामीण एसपी सुभाष चंद्र जाट, डीएसपी विजय महतो सहित अन्य पदाधिकारी हॉस्टल पहुंचे। इस दौरान लड़कों के हॉस्टल के चीफ वार्डन डॉ. आरके मधान, वार्डन डॉ. उमाशंकर सिन्हा से बातचीत की। छात्रों से भी पूछताछ की गई। रविवार की सुबह हॉस्टल परिसर में जहां-तहां टूटी-फूटी कुर्सियां पड़ी हुई थी।
आरोपित छात्रों की पहचान को कॉलेज प्रबंधन ने गठित की टीम
कॉलेज प्रबंधन को अपने स्तर से भी एक टीम गठित कर जांच का आदेश दिया गया है। जिससे आरोपित छात्रों की पहचान की जा सके। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है। चीफ वार्डन डॉ. आर मधान, वार्डन डॉ. उमाशंकर सिन्हा सहित अन्य सीनियर चिकित्सकों ने हॉस्टल में बैठक की और जांच के लिए आगे की रणनीति तैयार करते हुए एक टीम का गठन किया गया, जिसमें सभी विभागाध्यक्ष शामिल हैं। टीम बुधवार तक प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी को रिपोर्ट सौंपेगी।
इस तरह शुरू हुआ विवाद और कॉलेज बन गया रणक्षेत्र
शनिवार की रात करीब 12.30 बजे कॉलेज परिसर में चार-पांच युवक एक ऑल्टो कार की डिक्की खोलकर साउंड बॉक्स बजा रहे थे। तेज संगीत के बीच वे नृत्य कर रहे थे। एमजीएम थाने के पास से गुजर रही कार को पुलिस ने छात्रों से हॉस्टल लौटने को कहा जबकि कार आगे बढ़ गई। इसके कुछ ही देर के बाद पांचों युवक कार में सवार होकर मानगो बकरी बाजार की तरफ निकले। डिमना रोड स्थित उलीडीह थाने के पास वाहनों की चेकिंग चल रही थी। तेज गति से आती हुई ऑल्टो को देखकर पुलिस ने रोकने की कोशिश की लेकिन छात्र कुछ बोलते हुए वहां से निकल पड़े। मौके पर थाना प्रभारी चंद्रशेखर व एसआइ पंकज सिंह सादे लिबास में मौजूद थे। युवकों की इस हरकत पर दोनों ने स्कार्पियों से उनका पीछा करने लगे। इस दौरान युवकों ने अपनी गाड़ी की गति और तेज कर दी। थाना प्रभारी पीछा करते हुए डिमना चौक से आगे पहुंचे तो युवकों ने अपनी गाड़ी एमजीएम कॉलेज के हॉस्टल में घुसा ली। थाना प्रभारी ने भी अपने वाहन को अंदर घुसा दिया। उनलोगों ने अपना परिचय देते हुए तलाशी लेनी चाही तो छात्र उनसे भिड़ गए। पुलिस को भला-बुरा कहते हुए छात्रों ने मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच बड़ी संख्या में हॉस्टल के छात्र जुट गए और उलीडीह थाना प्रभारी व एसआइ पंकज सिंह को बंधक बना लिया। दोनों की जमकर पिटाई की गई। उनके कपड़े फाड़ दिए गए। बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस काफी मशक्कत से रात ढाई बजे के बाद दोनों को छात्रों के कब्जे से मुक्त करा सकी। रविवार की सुबह दोनों को एमजीएम अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद टीएमएच रेफर कर दिया गया। थाना प्रभारी के मुंह व सिर में चोट आई है। बताया जा रहा है कि छात्रों ने पीटते समय हॉस्टल परिसर की स्ट्रीट लाइट को बंद कर दिया था ताकि कोई देख नहीं सके। प्रिंसिपल के पहुंचने के बाद स्ट्रीट लाइट को चालू किया गया। इससे पूर्व गंदे पानी के टंकी पर दोनों को काफी देर तक बैठाए रखा।
बदलती गई घटना की कहानी
शुरू में यह हल्ला हुआ कि दो पुलिस पदाधिकारी शराब के नशे में हॉस्टल में घुस आए हैं और एमबीबीएस छात्रों के साथ मारपीट कर रहे हैं। छात्रों ने दोनों को बंधक बना रखा है। इसके बाद समय बीतने के साथ घटना को लेकर कहानी भी बदलती गई। छात्रों ने घटना की जानकारी प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी, डॉ. वनिता सहाय, डॉ. उमाशंकर सिन्हा सहित अन्य डॉक्टरों को दी। मौके पर सभी पहुंचे और छात्रों के समर्थन में खड़े हो गए। इस दौरान पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसे देखते हुए प्रिंसिपल, डॉ. वनिता सहाय व डॉ. उमाशंकर आक्रोशित हो गए और कहने लगे कि इन बच्चों को क्या कसूर, उनपर लाठियां बरसाने से पहले हमलोगों पर बरसाया जाए लेकिन धीरे-धीरे घटना की हकीकत मिल जाने पर वे लोग भी नरम पड़ गए।
हॉस्टल में नहीं है सीसीटीवी कैमरा
रविवार को पुलिस की टीम सीसीटीवी कैमरा खंगालने पहुंची थी लेकिन पता चला कि हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरा नहीं है। इससे उन्हें निराश ही लौटना पड़ा। इस मामले की जांच सिटी एसपी खुद कर रहे हैं। इसलिए हर बिंदु को गंभीरता से खंगाला जा रहा है। शनिवार की सुबह करीब चार बजे हॉस्टल में रहने वाले सभी छात्रों को सिटी एसपी ने कैंपस में बुलाया और उनकी क्लास लगायी, साथ ही चेतावनी भी दी कि आरोपितों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। इसके साथ ही बड़ी संख्या में पहुंची क्यूआरटी टीम ने पूरे हॉस्टल की तलाशी ली।
आइएमए ने घटना को बतया दुर्भाग्यपूर्ण
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) का एक प्रतिनिधिमंडल घायल उलीडीह थाना प्रभारी चंद्रशेखर व एसआइ पंकज कुमार को देखने के लिए टीएमएच पहुंचा। इस दौरान सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए है। उनका सहयोग करना हमारा कर्तव्य बनता है। अगर पुलिस रोक रही थी तो रुकना चाहिए था और अपना परिचय देना चाहिए था। दूसरी तरफ, मेडिकल छात्रों की जिंदगी बर्बाद न हो इसका ख्याल पुलिस को रखना चाहिए। इस मौके पर डॉ. संतोष गुप्ता, डॉ. सौरव चौधरी डॉ. मिंटू अखौरी सिन्हा उपस्थित थे। अब रात 10 बजे के बाद बाहर जाने पर पाबंदी
अब कॉलेज प्रबंधन सख्त हो गया है। छात्रावास हॉस्टल के चीफ वार्डन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रात 10 बजे के बाद किसी भी छात्र या छात्रा को बाहर निकलने पर रोक लगा दी है। बहुत जरूरी होने पर संबंधित वार्डन को इजाजत लेकर ही बाहर निकल सकते हैं। दरअसल, कॉलेज प्रबंधन को शिकायत मिली है कि रात दो-दो बजे तक हॉस्टल परिसर में छात्र-छात्राएं बैठे रहते हैं। कई बार अश्लील हरकतें किए जाने की बात भी सामने आई है।