बार भवन का ताला खुलवाने पर हंगामा, पहुंची पुलिस
जासं जमशेदपुर कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए हाईकोर्ट के आदेश के बाद बार भ
जासं, जमशेदपुर : कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए हाईकोर्ट के आदेश के बाद बार भवन बंद होने के कारण किसी भी अधिवक्ता को यहां बैठने की इजाजत नहीं दी गई है। बावजूद इसके सोमवार की सुबह कोर्ट के तीन नंबर गेट से जिला बार एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारी नया बार भवन का ताला खुलवा कर अपने-अपने चैम्बर में जाकर बैठ कर काम निपटा रहे थे। इसकी सूचना जैसे ही एक नंबर गेट पर जमे सैकड़ों अधिवक्ताओं को लगी सभी एक नंबर गेट जा पहुंचे। बार पदाधिकारियों को काम करता देख आगबबूला हो हंगामा करने लगे। इसी बीच बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों व अधिवक्ताओं में गरमा गरम बहस शुरू हो गई। वहीं बार भवन में माहौल बिगड़ने की सूचना पर पुलिस बल भेजा गया। इससे पूर्व पुलिस जवान कुछ करते। हंगामा देख जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारी अपने कार्यालय में ताला लगाकर नीचे उतर गए। पहले तो अधिवक्ताओं ने तय किया कि अब बार भवन में नया ताला लगाया जाए, लेकिन बाद में पुराना ताला ही लगाया गया।
इधर, लगातार पांचवें दिन सैकड़ों अधिवक्ताओं ने खुद को न्यायिक कार्य से अलग रहा। सोमवार को भी एक भी काम अधिवक्ताओं ने नहीं किया। सोमवार को भी अधिवक्ताओं का नेतृत्व वरीय अधिवक्ता रंजनधारी सिंह, जितेंद्र सिंह, संजीव रंजन बरियार व अन्य अधिवक्ताओं ने मिलकर किया। सभी सुबह नौ बजे ही कोर्ट के मुख्य गेट के बाहर पहुंच गए थे। आम अधिवक्ताओं को नेतृत्व करते हुए रंजनधारी सिंह ने उन्हें बताया कि पांच दिन कार्य बहिष्कार के बाद स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णन ने मामले को गंभीरता से लिया है और एक पत्र जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत कुमार अम्बष्टा को जारी किया है। इसमें लिखा गया है कि जिस अधिवक्ता का मामला कोर्ट में चल रहा है उस अधिवक्ता को कोर्ट में ही बैठने की समुचित व्यवस्था की जाएगी, लेकिन बार भवन खुलने पर कोई बात नहीं लिखी गई। हालांकि इस मामले की जानकारी सार्वजनिक रूप से आम अधिवक्ताओं को जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा नहीं दी गई है। वहां एक एक अधिवक्ता को कोर्ट में बैठने की व्यवस्था से अधिवक्ताओं में सोमवार को आक्रोश बढ़ने लगा है।