आकाक्षी जिला कार्यक्रम में सहयोग को दो फेलो ने दिया योगदान
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : नीति आयोग के आकाक्षी जिला कार्यक्रम में सहयोग के लिए मंगलवार को
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : नीति आयोग के आकाक्षी जिला कार्यक्रम में सहयोग के लिए मंगलवार को आकाक्षी जिला फेलो के रूप में माला आडवाणी और आलोक अरुणम ने उपायुक्त के समक्ष अपना योगदान दिया। एलडब्ल्यूई प्रभावित देश के 35 आकाक्षी जिलों में आकाक्षी जिला परिवर्तन कार्यक्रम (ट्रासफॉर्मिग एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम) के तहत सहयोग के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने टाटा ट्रस्ट के साथ एमओयू पर साइन किया है। इससे राज्य एवं जिलास्तर पर लेफ्ट विंग अफेक्टेड एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स सेंटर का गठन किया जाए। आकाक्षी जिलों के परिवर्तन कार्यक्रम के कार्यो में तेजी लाने के लिए एस्पिरेशनल फेलो कार्य करेंगे। ये जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास, कृषि एवं जल संसाधन और बुनियादी ढाचे से जुड़े संकेतकों को बेहतर करने के लिए जिला प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए कार्य करेंगे।
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि 81 संकेतकों पर फोकस करके कार्य करें। डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान को योजनाओं के कन्वर्जेस के आलोक में अद्यतन करें। कृषि, शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रकों में फोकस करने का दायित्व माला आडवाणी को दिया गया तथा स्वास्थ्य, वित्तीय समावेशन और मूलभूत बुनियादी ढाचा के संदर्भ में आलोक अरुणम को जिम्मेदारी उपायुक्त ने सौंपी।
मालूम हो कि जिलों की प्रगति को मापने के लिए स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास तथा बुनियादी ढाचे के पाच विकास क्षेत्रों में 49 संकेतकों, 81 डाटा पॉइंट के आधार पर जिले की रैंकिंग की जाती है। जिलों को अपने राज्य के भीतर सबसे अच्छे जिले के बराबर पहुंचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और बाद में प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद की भावना से दूसरों से प्रतिस्पर्धा करके और दूसरों से सीखकर देश में सर्वश्रेष्ठ में से एक बनने के लिए प्रेरित किया जाता है।
इस वर्ष जनवरी में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए आकाक्षी जिलों के परिवर्तन के कार्यक्रम का उद्देश्य देश के कुछ सबसे अधिक अविकसित जिलों को तेजी से और प्रभावी ढंग से बदलना है।