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अगस्त में बंद हो जाएगा बिष्टुपुर स्थित मेडिका अस्पताल, लीज रद करने की अनुशंसा Jamshedpur News

इलाज महंगा होने की शिकायत पर मंत्री ने दिया था जांच का निर्देश आरोप सही पाए जाने के बाद डीसी ने कर दी है लीज रद करने की अनुशंसा।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 11:12 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 11:12 PM (IST)
अगस्त में बंद हो जाएगा बिष्टुपुर स्थित मेडिका अस्पताल, लीज रद करने की अनुशंसा Jamshedpur News
अगस्त में बंद हो जाएगा बिष्टुपुर स्थित मेडिका अस्पताल, लीज रद करने की अनुशंसा Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित कांतिलाल गांधी मेमोरियल अस्पताल-मेडिका अगस्त में बंद हो जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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अस्पताल प्रबंधन ने यह निर्णय लगातार घाटे में रहने और झारखंड सरकार की जांच व कार्रवाई के दबाव में लिया है। शुल्क अधिक होने और सुविधाएं कम होने से अस्पताल में रोगियों की संख्या दिनोंदिन घटती जा रही थी। अच्छे डॉक्टर अस्पताल छोड़कर जा रहे थे। इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मेडिका अस्पताल की जांच कराने का निर्देश दे दिया। मंत्री का कहना था कि मेडिका जहां अस्पताल चला रहा है, वह जमीन टाटा स्टील व कांतिलाल गांधी मेमोरियल ट्रस्ट को एक रुपये प्रति एकड़ की दर पर दी गई थी। शर्त था कि यहां सस्ता इलाज होगा। उनकी जानकारी के मुताबिक यहां इलाज महंगा हो गया है।

मंत्री के निर्देश पर पूर्वी सिंहभूम जिले के तत्कालीन डीसी रविशंकर शुक्ला ने अपर उपायुक्त सौरव कुमार सिन्हा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। कमेटी ने भी जांच में पाया कि आरोप सही है। ऐसी स्थिति में डीसी ने लीज रद करने की अनुशंसा कर दी। इसी से मेडिका समूह ने जमशेदपुर में अस्पताल बंद करने का निर्णय लिया है। प्रबंधन ने अस्पताल के चिकित्सकों-कर्मचारियों को नोटिस दिया है कि यदि चाहें तो रांची, सिलीगुड़ी, कोलकाता या कङ्क्षलगनगर स्थित मेडिका अस्पताल में तबादला करा सकते हैं, वरना इस्तीफा देना होगा। अस्पताल के सामान दूसरे स्थानों पर भेजने की कवायद शुरू हो गई है।

ट्रस्ट को देने पड़ते थे सालाना 20 लाख रुपये

मेडिका समूह इस अस्पताल को चलाने के लिए सालाना 20 लाख रुपये शुल्क कांतिलाल गांधी मेमोरियल ट्रस्ट को देता था। शर्त यह भी थी कि अधिक कमाई होने पर मुनाफे का तीन फीसद अतिरिक्त देना होगा। यही करार मेडिका समूह पर भारी पड़ गया। शुरू में अस्पताल ठीक-ठाक चल रहा था, पर हाल के दिनों में आयुष्मान कार्ड वालों को भर्ती नहीं करने, पैसे के अभाव में कई गरीबों की मौत होने की घटना व आरोपों से अस्पताल की साख गिरने लगी थी। मरीज कम आने से यह अस्पताल घाटे में चलने लगा।

1993 में ट्रस्ट को मिली थी 3.42 एकड़ जमीन

खरकई पुल के पास बिष्टुपुर स्थित साउथ पार्क एरिया में स्थापित मेडिका अस्पताल की जमीन कांतिलाल गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की संपत्ति है। ट्रस्ट को 1993 में 3.42 एकड़ जमीन एक रुपये प्रति एकड़ मूल्य पर मिली थी। 2012 में ट्रस्ट ने अस्पताल भवन मेडिका को सौंप दिया। मेडिका को जमीन हस्तांतरित नहीं की गई थी। सिर्फ अस्पताल संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी। इस जमीन की पहल कांतिलाल गांधी ने की थी, लेकिन यह 1997 में मूर्त रूप ले सका। उसी वर्ष कांतिलाल का निधन हो गया था। इस ट्रस्ट में एक तरह से टाटा स्टील का ही आधिपत्य है, जबकि नाम के लिए कांतिलाल गांधी के बेटों को भी हिस्सेदार बनाया गया। अस्पताल बंद होने की बाबत कांतिलाल गांधी के पुत्र हर्षद गांधी ने बताया कि फिलहाल उनका मूड ऑफ है, वे कुछ नहीं बोल सकते।

मेडिका अस्पताल बंद होना दुर्भाग्यपूर्ण : डॉ. गोस्वामी

भाजपा नेता डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि मेडिका अस्पताल बंद करने का निर्णय अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार तथा लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने हेतु कई निजी अस्पतालों को राज्य में खोलने के लिए प्रोत्साहित किया था। कहा कि मेडिका के चेयरमैन आलोक राय से भी बात हुई लेकिन अब वे जमशेदपुर में अस्पताल नहीं चला सकते। हर हाल में अगस्त में अस्पताल बंद कर देंगे।


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