दूसरे के यहां करते थे नाैकरी, अब खुद दूसरे को दे रहे नौकरी
आपदा में गया नौकरी तो खुद रोजगार कर आत्मनिर्भर बन पेश किया मिसाल। ऐसे ही विकास कुमार नामक एक युवक ने आपदा को अवसर में बदल दिया। विकास मजबूरी में वर्षों से नौकरी कर रहे थे लेकिन लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूट गयी।
जमशेदपुर : आपदा में गया नौकरी तो खुद रोजगार कर आत्मनिर्भर बन पेश किया मिसाल। ऐसे ही विकास कुमार नामक एक युवक ने आपदा को अवसर में बदल दिया। विकास मजबूरी में वर्षों से नौकरी कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूट गयी।
विकास कहते हैं कि जब मेरी नौकरी छूटी तो मैं हताश नहीं हुआ और न डरा, बल्कि साहस का परिचय देते हुए अपने बस्ती में ही चिकेन मटन का दुकान खोल लिया। जहां वह खुद दो लोगों को नौकरी पर रख लिया। विकास आज वैसे लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो काम या रोजगार छूटने पर हताश होकर आत्महत्या जैसे काम तक कर रहे हैं। विकास कहते हैं कि लॉकडाउन से पहले मैं बिग बाजार में काम करता था। अपने ऑटो से सामान की होम डिलीवरी करता था। कुल मिलाकर मुझे ऑटो के साथ 18-20 हजार रुपये मिलते थे।
लॉकडाउन लगते ही नौकरी से निकाल दिए गए, मैं घर पर बैठ गया। सोचने लगा कि अब क्या करूं। मेरे दिमाग में आया कि बस्ती में एक भी चिकेन की दुकान नहीं है, क्यों नहीं एक दुकान खोल लिया जाए। इसके बाद मैंने चिकेन-मटन की दुकान खोली। काटने में परेशानी होने लगी, तो 7500 रुपये मासिक वेतन पर एक युवक को रख लिया। इसके अलावा एक अन्य सहायक को रखा।
आज मेरे दुकान से दो लोगों का परिवार चल रहा है। आज मैं अपनी दुकान से अपना परिवार चला रहा हूं। विकास ने वैसे युवाओं को सलाह दिया है, जिनका नौकरी या रोजगार कोरोना काल में खत्म हो गया था। वैसे युवा मन लगाकर जो भी काम करेंगे उसमें जरुर सफलता मिलेगी। विकास कहते हैं कि मैं सपने में भी नहीं सोचा था कि चिकेन का दुकान चलाना पड़ेगा, लेकिन आज सफलतापूर्वक चला रहा हूं।