स्लाइम डैम से अयस्क कचरा के रिसाव को रोकने के लिए करें स्थाई समाधान
यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड जादूगोड़ा द्वारा जादूगोड़ा के खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण अपने अधिकारों के लिए करीब 30 वर्षों से अधिक समय से आंदोलन कर रही। झारखण्ड ऑर्गनाइजेशन अगेंस्ट रेडिएशन संस्था ( जोहार ) के अध्यक्ष घनश्याम बिरुली एवं सचिव दुमका मुर्मू के नेतृत्व में यूसिल स्लाइम डैम के समीप रहने वाले प्रभावित परिवारों का एक प्रतिनिधि मंडल यूसिल के अधिकारीयों से मिला एवं यूसिल स्लाइम डैम से बार-बार अयस्क कचरा के रिसाव को रोकने तथा इस समस्या का स्थाई समाधान निकलने की मांग की।
संवाद सूत्र, जादूगोड़ा : यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड जादूगोड़ा द्वारा जादूगोड़ा के खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण अपने अधिकारों के लिए करीब 30 वर्षों से अधिक समय से आंदोलन कर रही। झारखण्ड ऑर्गनाइजेशन अगेंस्ट रेडिएशन संस्था ( जोहार ) के अध्यक्ष घनश्याम बिरुली एवं सचिव दुमका मुर्मू के नेतृत्व में यूसिल स्लाइम डैम के समीप रहने वाले प्रभावित परिवारों का एक प्रतिनिधि मंडल यूसिल के अधिकारीयों से मिला एवं यूसिल स्लाइम डैम से बार-बार अयस्क कचरा के रिसाव को रोकने तथा इस समस्या का स्थाई समाधान निकलने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने यूसिल के अपर प्रबंधक (कार्मिक) राकेश कुमार को बताया की यूसिल स्लाइम डैम के समीप डूंगरीडीह गांव के निवासी रेडियोधर्मी कचरे के बार - बार फैलने से परेशान हो चले हैं। डैम में बार-बार पाइप फटता रहता है जिसके कारण सारा कचरा गांव में घुस जाता है और लोग परेशान होते हैं . प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने प्रबंधन को बताया की कई वर्षों से यूसिल स्लाइम डैम के पास के ग्रामीणों के पुनर्वास की मांग की जाती रही है मगर यूसिल प्रबंधन को केवल खनन से मतलब है। कंपनी का कोई भी अधिकारी इन मांगो को गंभीरता से नहीं ले रहा है। जिसके कारण गांवों में दिव्यांग बच्चे पैदा हो रहे हैं।
कंपनी के अधिकारियों ने प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों की बातों को सुनकर उन्हें इस दिशा में सकारात्मक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्हें आश्वस्त किया की भविष्य में ऐसी दुर्घटना नहीं हो इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है जिसका कार्यान्वन भी जल्द किया जायगा।
ज्ञात हो कि यूसिल जादूगोड़ा में टुवान्डुंगरी गांव में वर्ष 2006 में सबसे बड़ी घटना हुई थी जब कई घरों मे यूरेनियम का कचरा व पानी घुस गया था। इसके बाद अप्रैल 2007, फरवरी 2008, मार्च 2015, जून 2016 और अप्रैल 2018 में पाइप लाइन फट चुकी है। जिसके बाद ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए यूसिल प्रबंधन ने टुवान्डुंगरी गांव में ड्रेन बनाया और कुछ जगहो में चारों पाइप लाइन को लोहे के प्लेट से कवर कर दिया जिससे पाइप फटने से कचड़ा पानी ड्रेन में बह जाता था। परंतु जबसे डुंगरीडीह गांव से नया पाइप लाइन सप्लाई होने से लगातार पाइप फटने की घटना घट रही है।