Lifestyle: जाड़े में त्वचा की नमी बनाए रखना बेहद जरूरी, बरतें ये एहतियात Jamshedpur News
Lifestyle. जाड़े के दिनों में त्चचा की नमी बनी रहे इसके लिए मॉइस्चराइज करना बहुत जरूरी है। लेकिन मॉइस्चराइज करना कब है? इसकी जानकारी बहुत जरूरी है।
जमशेदपुर, अवनीश कुमार। जाड़े के दिनों में त्वचा का रूखा होना आम बात है। सर्दी के कारण कम प्यास लगने से शरीर की नमी कम हो जाती है जिसके कारण त्वचा रुखी और बेजान हो जाती है। ऐसे में सर्दियों में थोड़ा संजीदा होकर बेहद आसानी से त्वचा की देखभाल की जा सकती है।
भरपूर मात्रा में पीएं पानी
जाड़े के मौसम में प्यास कम लगने से लोग पानी कम पीते हैं, जिससे शरीर में पानी का स्तर काफी कम हो जाता है। नतीजा त्वचा में कम नमी होने के कारण वह रूखी और बेजान हो जाती है। ऐसी स्थिति में पानी पर्याप्त मात्रा में पीने की जरूरत है। सर्दी अधिक है और पानी पसंद नहीं है तो आप गाजर, चुकंदर, नींबू आदि का रस निकालकर भी पी सकते हैं। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों का सूप भी लिया जा सकता है। इससे फायदा यह हो कि मुंह का जायका भी बदल जाएगा, शरीर में नमी भी बनी रहेगा और त्वचा भी खिलती रहेगी। बेहतर यह होगा कि जाड़े में चाय या कॉफी का सेवन एक सीमित मात्रा तक ही करें।
नहाने में गुनगुने पानी का ही करें इस्तेमाल
अमूमन, जाड़े में सभी लोग गर्म पानी से नहाना पसंद करते हैं। कभी-कभी तो लोग हाथ-पैर-मुंह धोने के लिए भी लोग गर्म पानी का ही इस्तेमाल कर लेते हैं, जो त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है। विशेषज्ञ की माने तो गर्म पानी शरीर के नेचुरल आयल को खत्म कर देता है। जिससे त्वचा रूखी और बेजा हो जाती है। ऐसे में गर्म पानी के जगह पर गुनगुने पानी का इस्तेमाल त्वचा के लिए बेहतर होगा।
त्वचा की चमक बनाये रखने के लिए करें मॉइस्चराइज
जाड़े के दिनों में त्चचा की नमी बनी रहे इसके लिए मॉइस्चराइज करना बहुत जरूरी है। लेकिन मॉइस्चराइज करना कब है? इसकी जानकारी बहुत जरूरी है। विशेषज्ञ की माने तो मॉइस्चराइज का सबसे उचित समय नहाने के बाद होता है। दरअसल, उस समय त्वचा के छिद्र (पोर्स) खुले होते हैं और ऐसे में त्वचा को मॉइस्चराइज करने से नमी आपको भीतर तक प्राप्त होती है। अक्सर देखा जाता है कि लोग गर्मी में इस्तेमाल किया जाने वाला मॉइस्चराइजर ही जाड़े के दिनों में भी इस्तेमाल करते हैं। जबकि इस मौसम में हैवी मॉइस्चराइजर की जरूरत होती है। कारण कि गर्मी के अपेक्षा जाड़े के दिनों में त्वचा अधिक रूखी हो जाती है। साथ ही मॉइस्चराइजर का चयन करते समय स्किन टाइप का भी ध्यान रखें। कोशिश करें कि आप इस मौसम में वाटर बेस्ड मॉइस्चराइजर के स्थान पर ऑयल बेस्ड मॉइस्चराइज का चयन करें।
ठंडी हवाएं भी छीनती हैं त्वचा की नमी
विशेषज्ञ की माने तो जाड़े के दिनों चलने वाली ठंडी हवाएं त्वचा की नमी छीन लेते हैं, लेकिन खुद को सुरक्षित रखकर ठंडी हवाओं के असर को हद तक कम कर सकते हैं। मसलन, जब घर से बाहर निकलें तो सनस्क्रीन लगाने के साथ-साथ ग्लव्स और स्कार्फ आदि पहनना बिल्कुल न भूलें।
ये कहते डॉक्टर
सर्दी में त्वचा रूखी होने के साथ ही कई बीमारियां भी होने लगती है। इनमें सोरियासिस, स्केबिज और डेंड्रफ प्रमुख है। सोरियासिस में चमड़े से मछली के चोइंटा जैसे छूटने लगता है। समय पर समुचित इलाज नहीं होने पर इनमें से खून निकलने लगता है। शरीर पर चोइंटा दिखने पर तत्काल विशेषज्ञ से मिलें। स्केबिज में मरीज की उंगलियों के बीच में जबकि बच्चों के पेशाब के रास्ते में खुजली होती है। जो रात में अधिक परेशान करती है। इन मरीजों की सफाई और नियमित रूप से एंटी स्केबिज के साथ माइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिये। वहीं डेंड्रफ होने पर विशेषज्ञों की सलाह पर एंटी डेंड्रफ शैम्पू का इस्तेमाल जरूरी होता है।
- डॉ. आर कुमार, स्किन विशेषज्ञ, जमशेदपुर।