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Maharaj Pramanik Surrender: आत्मसमर्पण करने के बाद दस लाख का इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक गया जेल, कही ये बात

Maharaj Pramanik Surrender सरेंडर के बाद दस लाख के इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक को कोर्ट में पेशी के बाद सरायकेला जेल भेज दिया गया है। इस दौरान मीडिया के एक सवाल में उसने राजनीति में आने के संकेत दिए। जानिए क्या कहा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 05:15 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 05:44 PM (IST)
Maharaj Pramanik Surrender: आत्मसमर्पण करने के बाद दस लाख का इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक गया जेल, कही ये बात
मेडिकल जांच के लिए सरायकेला सदर अस्पताल में नक्सली महाराज प्रमाणिक।

जागरण संवाददाता, सरायकेला: शुक्रवार को रांची में आत्मसमर्पण के बाद 10 लाख के हार्डकोर इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक को शनिवार को सरायकेला जेल भेज दिया गया है। इससे पूर्व कड़ी सुरक्षा के बीच महाराज का सदर अस्पताल सरायकेला में मेडिकल जांच कराया गया जहां महाराज प्रमाणिक ने राजनीति में आने के संकेत दिए हैं।

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एक सवाल के जवाब में महाराज प्रमाणिक ने कहा कि जल्द ही पूरे मामले से बरी होने के बाद समाज सेवा के क्षेत्र में आऊंगा और जनता के बीच रहूंगा। महाराज ने बताया कि गुमराह होकर वह नक्सलवाद के रास्ते चला गया था। मगर महाराज ने युवाओं से नक्सलवाद के रास्ते पर ना जाने की अपील की। उसने समाज से भटके युवाओं से मुख्यधारा में लौटने की अपील की। गौरतलब है कि सरायकेला- खरसावां जिला के चौका थाना अंतर्गत दारूदा गांव निवासी महाराज प्रमाणिक मोबाइल लूट की घटना के बाद अपराध के रास्ते पर चला गया था। देखते ही देखते नक्सलवाद की दुनिया का चर्चित चेहरा बन चुका था। झारखंड पुलिस ने महाराज पर 10 लाख के इनाम घोषित कर रखे थे। उसने शुक्रवार को रांची में आत्मसमर्पण किया था।

कई बड़े कांडों में महाराज की थी पुलिस को तलाश

महाराज प्रमाणिक की तलाश सरायकेला-खरसावां जिले के कुकुरू हाट, लांजी समेत कई वारदातों में थी। 14 जून 2019 को महाराज प्रमाणिक के नेतृत्व में नक्सलियों ने कुकुरूहाट में पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। मार्च 2021 में लांजी में आईईडी धमाके में भी तीन पुलिसकर्मियों को मारने का आरोप है। महाराज प्रमाणिक की तलाश झारखंड पुलिस के साथ साथ एनआइए को भी थी। राज्य पुलिस ने महाराज पर दस लाख का ईनाम रखा था।

40 लाख रुपये और हथियार लेकर भागने का आरोप

भाकपा माओवादी संगठन ने महाराज प्रमाणिक को गद्दार घोषित कर जनअदालत में सजा देने की बात कही थी। माओवादियों के प्रवक्ता अशोक ने प्रेस बयान जारी कर कहा था कि जुलाई 2021 के पूर्व तीन बार इलाज का बहाना बना कर महाराज संगठन से बाहर आया था। इस दौरान वह पुलिस के संपर्क में आ गया। संगठन को इसकी जानकारी मिल गई। 14 अगस्त को वह संगठन छोड़कर भाग गया वह संगठन के 40 लाख रपये, एके 47 हथियार, 150 से अधिक गोलियां व पिस्टल लेकर भागा है।


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