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बाघिन के नाम पर कहीं खनन माफिया तो नहीं चल रहे चाल Jamshedpur News

घाटशिला के झांटीझरना के पास फूलझोर जंगल में बाघिन के होने की सूचना के बाद से वन विभाग के साथ ही ग्रामीणों में दहशत है। सात जनवरी से यह आलम है।

By Edited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 07:49 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 05:00 PM (IST)
बाघिन के नाम पर कहीं खनन माफिया तो नहीं चल रहे चाल Jamshedpur News
बाघिन के नाम पर कहीं खनन माफिया तो नहीं चल रहे चाल Jamshedpur News

जमशेदपुर (जासं)। घाटशिला के झांटीझरना के पास फूलझोर जंगल में बाघिन के होने की सूचना के बाद से वन विभाग के साथ ही ग्रामीणों में दहशत है। सात जनवरी से यह आलम है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि बाघिन को अब तक किसी ने देखने का दावा नहीं किया है। हां, वन विभाग ने यह जरूर दावा किया है कि बाघिन ने ही एक मवेशी को निवाला बनाया है। जबकि, एक गायब है और तीसरे को घायल कर छोड़ दिया।

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बाघिन के जंगल में आए नौ दिन हो गए लेकिन, किसी की नजर उस तक नहीं पहुंची है। अब चर्चा शुरू हो गई है कि कहीं झांटीझरना के बगल में पश्चिम बंगाल सीमा से सटे भूमरा पहाड़ पर खनन माफियाओं की तो नजर नहीं है। भूमरा पहाड़ पर मैंगनीज का विशाल भंडार है।

पूर्व में भी यहां खनन माफिया अवैध खनन करते रहे हैं। भूमरा पहाड़ की चोटी जमीन से 1000 फीट ऊंची है। ऊपर चढ़ने पर ही मैंगनीज का पहाड़ दिखाई देगा। माफिया यहां अवैध खनन कर मैंगनीज को बंगाल सीमा में प्रवेश करा देते हैं। बंगाल में महंगे दाम में इसकी बिक्री होती है। हालांकि जमशेदपुर के डीएफओ डा. अभिषेक कुमार इसे कोरी अफवाह बता रहे हैं।

2017 में सरयू राय ने भूमरा पहाड़ पर बोला था धावा

2017 में तत्कालीन मंत्री सरयू राय भूमरा पहाड़ पर पहुंच गए थे। उन्होंने मैंगनीज के विशाल पहाड़ को देखा था। स्थानीय लोगों ने सरयू राय को वीडियो क्लीप के साथ ही कई तस्वीर भेजी थीं। ग्रामीणों की बातों को गंभीरता से लेते हुए सरयू राय 1000 फीट ऊपर भूमरा पहाड़ पहुंच गए थे।

तब अवैध खनन की बात उजागर हुई थी। ग्रामीणों को खनन माफियाओं ने बरगलाने की कोशिश की थी। कहा था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास व खनन विभाग से अनुमति ली गई है, लेकिन पड़ताल में यह बात गलत साबित हुई।


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