Lunar eclip2019 : आज रात 1.31 बजे से लगेगा खंडग्रास चंद्र ग्रहण, जानिए किस राशि पर क्या पड़ेगा प्रभाव
16 जुलाई की रात 1.31 बजे से खंडग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा। आपको यह जानना जरूरी है कि क्या एहतियात बरतना जरूरी है। यह भी जानिए कि किस राशि पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। मंगलवार 16 जुलाई को चंद्रग्रहण लगने जा रहा है जो भारतीय समयानुसार रात्रि में 1.31 बजे से रात्रि शेष 4:30 बजे तक रहेगा। यह चंद्रग्रहण भारत के साथ आस्ट्रेलिया, दक्षिण व पश्चिम एशिया, अफ्रीका, यूरोप, चीन, कोरिया एवं दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश भाग में दिखेगा। यह खंडग्रास चंद्रग्रहण पूरे भारतवर्ष में दिखाई पड़ेगा।
शास्त्रीय मतानुसार चंद्रग्रहण में ग्रहण का सूतक स्पर्शकाल से नौ घंटे पूर्व ही लग जाता है। निर्णय सिंधु के अनुसार सूतक काल में मूर्ति पूजन, भोजन, शयन, काम प्रसंग, यात्रारंभ, कार्यारंभ एवं मल-मूत्र उत्सर्जन करना वर्जित है, लेकिन आधुनिक मत के अनुसार ग्रहण के स्पर्श से मोक्ष काल तक के समयांतराल में ही भोजन आदि आवश्यक नित्य कर्म वर्जित हैं। वृद्ध, रोगी एवं बच्चों को दोष नहीं लगता है। ग्रहण काल में भगवत भजन एवं मंत्रादि जप करना विशेष पुण्यप्रद व सिद्धिप्रद माना गया है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में विशेष सतर्कता रखनी चाहिए।
ग्रहण काल में रखें ध्यान
1. ग्रहण काल में चंद्र दर्शन से परहेज करें।
2. यथासंभव घर के अंदर ही रहें।
3. ग्रहण काल में जगे रहें एवं भगवान का ध्यान करें।
4. चाकू या हंसुआ से किसी चीज को काटने से परहेज करें।
5. क्रोध एवं व्यर्थ की चिंता से बचें तथा प्रसन्न रहें।
विभिन्न राशि पर प्रभाव
- मेष : सम्मान हानि।
- वृष : कष्टप्रद।
- मिथुन : जीवनसाथी को कष्ट।
- कर्क : सुख-समृद्धि दायक।
- सिंह : बाधा व चिंताप्रद।
- कन्या : कष्ट व बाधा।
- तुला : धनदायक।
- वृश्चिक : हानिकारक।
- धनु : पीड़ाकारक।
- मकर : हानिप्रद।
- कुम्भ : लाभप्रद।
- मीन : सुखप्रद।
- करें स्नान-दान
- यह ग्रहण भारतवर्ष के प्राय: सभी नगरों में दिखेगा। ग्रहण की समाप्ति के उपरांत स्नान व दान आदि पुण्य कार्य करना चाहिए। यदि पवित्र नदी में स्नान संभव न हो तो पवित्र नदियों के स्मरण के साथ स्नान करने से भी विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है, ऐसा शास्त्रीय मत है।
-पं. रमा शंकर तिवारी, ज्योतिषाचार्य ।