45 डिग्री तापमान पर भी चलाते ट्रेन
चक्रधरपुर मंडल में 90 प्रतिशत इंजन बिना एसी के होने से होती समस्या गरम हवा के कारण अक्सर बंद करना पड़ता है इंजन का पंखा!
जमशेदपुर [गुरदीप राज]। चक्रधरपुर मंडल में करीब 1800 चालक व 1900 सह चालक 45-46 डिग्री तापमान पर इंजन में बैठकर ट्रेन का परिचालन करने को मजबूर है। आम आदमी 41 डिग्री तापमान पर ही पसीने से तर बतर होने लगता है और बेचैनी से उनकी परेशानी बढ़ने लगती है ऐसे में सामान्य तापमान से 3 से 4 डिग्री तापमान इंजन का अधिक होता है।
चालकों की परेशानी को देखते हुए नए इंजनों को एसी युक्त बनाया जा रहा है ताकि लाखों यात्रियों को सुरक्षित यात्र कराने वाले चालक को इंजन में आराम मिल सके। फिलहाल चक्रधरपुर मंडल में अब भी 90 प्रतिशत इंजन बिना एसी के है। चक्रधरपुर मंडल में करीब 400 इंजन पुराने व नए तकनीक के हैं। जिसमें से करीब 10 प्रतिशत इंजनों में ही एसी लगा हुआ है। बाकी के इंजन में एक मात्र पंखा लगा है। इंजन में लगे पंखे और जुल्म ढा रहे हैं। पंखा नहीं चलाते हैं तो बेचैनी लगने लगती है अगर पंखा को चलाया जाता है तो गरम हवा बेचैनी और बढ़ा देती हैं।
25000 वोल्ट पॉवर की गर्मी व धूप से पसीना करता है परेशान : इंजन की गर्मी के साथ साथ 25000 वोल्ट पावर की तपिश चालकों को परेशान करने लगा है। सर्वाधिक गर्मी का सामना तो डीजल इंजन के चालक व सह चालक को करना पड़ता है। गरम हवा के कारण पंखा भी चालक नहीं चलाते हैं।
42 जोड़ी एक्सप्रेस व 19 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन का होता है परिचालन : टाटानगर स्टेशन होकर 42 जोड़ी एक्सप्रेस व सुपर फास्ट ट्रेन व 19 जोड़ी 19 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन का परिचालन होता है। टाटानगर में 290 इंजन है।
इंजन का तापमान सामान्य तापमान से 3 से 4 डिग्री अधिक रहता है। 48 डिग्री तक तापमान कभी कभी पहुंच जाता है। पूरे इंजन में लोहा ही लोहा है। इंजन में रखा पानी भी उबल जाता है, जिससे पीने की इच्छा ही नहीं होती है, लेकिन मजबूरी है कि प्यास लगने पर पीना ही पड़ता है।
मनोज कुमार सिंह, चालक चक्रधपुर मंडल
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