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Immunty पर लगा लॉकडाउन का पहरा, नींबू एवं किवी की कीमत जानकर रंग जाएंगे दंग

लॉकडाउन के कारण बाजार में नींबू की आवक कम हो गई है। पहले नागपुर गोंदिया मद्रास और ओडिशा से नींबू आता था। लॉकडाउन की वजह से केवल मद्रास से ही पहुंच रहा है। गर्मी और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को लेकर नींबू की मांग भी बढ़ गई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 09:42 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 01:18 PM (IST)
Immunty पर लगा लॉकडाउन का पहरा, नींबू एवं किवी की कीमत जानकर रंग जाएंगे दंग
नींबू 500 रुपये सैकड़ा तो तीन पीस किवी 180 रुपये तक पहुंच चुक है।

जमशेदपुर, जासं। इम्युनिटी पर इन दिनों लॉकडाउन का पहरा लग गया है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला नींबू हो या किवी, सभी के दाम आसमान छू रहे हैं। लौहनगरी में नींबू 500 रुपये सैकड़ा तो तीन पीस किवी की कीमत 180 रुपये तक पहुंच चुकी है।

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गर्मी में नींबू पानी तो लोगों की सबसे ज्यादा पसंद रहती है तो शरीर को ठंडक भी देती है, साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। लेकिन कोविड के कारण हुए लॉकडाउन के कारण इसके दाम अब आसमान छू रहे हैं। पहले जो नींबू एक से दो रुपये में मिलता था अब वह बढ़कर पांच रुपये तक पहुंच चुका है। वहीं, छोटे नींबू 10 रुपये में तीन से चार भी दिए जा रहे हैं। थोक व्यापारियों का कहना है कि सामान्य दिनों में नीबू मद्रास, गोंदिया, नासिक व ओडिश से आते थे लेकिन जिन राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन लगा है वहां से आवाक कम हो गया है। वहीं, गर्मी के कारण नीबू की डिमांड भी बढ़ गई है।

किवी भी हुआ महंगा

न्यूजीलैंड में पाया जाना वाला किवी की कीमत भी इन दिनों आसमान छू रही है। पहले छह किवी के एक पैकेट की कीमत 90 से 100 रुपये तक होती थी लेकिन डिमांड बढ़ने पर अब तीन किवी की कीमत 180 रुपये हो गया है। किवी बहुत ज्यादा खट्टा होता है और इसे खाने को शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी मिलता है। ऐसे में डिमांड बढ़ने के साथ इसकी कीमत भी बढ़ गई।

मौसमी रस भी 40 रुपये ग्लास

पहले मौसमी या संतरे का रस प्रति ग्लास 20 से 25 रुपये मिलते थे लेकिन अब ये भी बढ़कर 40 रुपये हो चुके हैं। साकची के फल दुकानदार रमेश का कहना है कि पहले नागपुर से अधिकतर माल आता था लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से वहां से आवाक पूरी तरह से बंद है।

इनकी सुनें

पहले तीन-चार शहरों से माल आता था लेकिन अब हम मद्रास से आने वाले माल पर ही निर्भर है इसलिए नीबू के दाम बढ़े हैं।

-मो. नफीस, नीबू विक्रेता

हर बार गर्मी के समय नीबू की डिमांड बढ़ती है लेकिन इस बार उत्पादन भी कम हुआ है। कोविड के कारण इस बार उत्पादित राज्यों में ही माल खप जा रहा है।

-अरशद आलम, नीबू विक्रेता


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