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Coronavirus Lockdown : लॉकडाउन ने बच्चों में डाल दी गेमिंग की लत, अभिभावकों ने मोड़ा योग की ओर

Coronavirus Lockdown. गेमिंग के शौक ने बच्चों में स्वभाव में भी बदलाव करना शुरू कर दिया है। बच्चे चिड़चिड़े होने के साथ साथ हिंसक व जिद्दी प्रवृत्त‍ि के बनते जा रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 06:56 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 04:52 PM (IST)
Coronavirus Lockdown : लॉकडाउन ने बच्चों में डाल दी गेमिंग की लत, अभिभावकों ने मोड़ा योग की ओर
Coronavirus Lockdown : लॉकडाउन ने बच्चों में डाल दी गेमिंग की लत, अभिभावकों ने मोड़ा योग की ओर

जमशेदपुर, गुरदीप राज। चार माह के लॉकडाउन व अनलॉक के दौरान लौहनगरी के बच्चों को गेमिंग की लत पड़ गई है। अब बच्चे बिना मोबाइल में गेम्स खेल ही नहीं पा रहे हैं। इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है और बच्चों को अपने अभिभावकों से मोबाइल लेने का मौका भी अच्छा हाथ लगा है। कभी ऑनलाइन क्लास के बहाने तो कभी स्कूल का वाट्सएप ग्रुप चेक करने के बहाने ये बच्चे अभिभावकों से मोबाइल झपट रहे हैं। बच्चों के इस गेम खेलने की लत से अभिभावक परेशान होने लगे हैं।

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गेमिंग के शौक ने बच्चों में स्वभाव में भी बदलाव करना शुरू कर दिया है। बच्चे चिड़चिड़े होने के साथ साथ हिंसक व जिद्दी प्रवृत्त‍ि के बनते जा रहे हैं। ऑनलाइन क्लास के लिए अभिभावकों को बच्चों को मोबाइल देना ही पड़ता है। ऑनलाइन क्लास के दौरान ही बच्चे बीच-बीच में गेम्स खेलने लगते हैं। इसी तरह यूट्यूब पर क्लास से संबंधित वीडियो देखने के दौरान भी कई बच्चे गेमिंग वाले वीडियो देखने लगते हैं। जबकि कई स्कूल एक दिन में तीन-तीन घंटे का क्लास ऑनलाइन ही ले रहे हैं। इस तरह बच्चे घंटों लगातार मोबाइल के स्क्रीन के संपर्क में आ रहे हैं । इससे उनके आंखों व दिमाग पर इसका असर पड़ रहा है।

योग की दिशा में मुड़ने लगे बच्चे

बच्चों की जिद व हिंसक स्वभाव को देखते हुए कुछ अभिभावकों ने बात-बात में ही योग की तरफ उनका रुख करने का प्रयास शुरू कर दिया है ताकि योग करने से बच्चों का स्वास्थ भी ठीक रहेगा और मन शांत होने के साथ- साथ उनका पढ़ाई में मन भी लगेगा। वे मोबाइल से दूरी भी बना पाएंगे। अपने बच्चों की समस्याओं को जब अभिभावकों ने योग शिक्षक कुमकुम सिंह के समक्ष रखा तो उन्होंने निशुल्क बच्चों को कुछ देर के लिए योग सिखाने को तैयार हो गई। जबकि कुछ अभिभावक अपने घर में ही बच्चों को योग की शिक्षा दे रहे हैं। इन बच्चों को योग भी वैसा ही कराया जा रहा है जिससे बच्चों के विकास में सहयोग मिले।

यह आसन सिख रहे बच्चे

हस्तोत्तानासन : यह आसन कंधे को मजबूत (शक्तिशाली) बनाता है। रक्त में ऑक्सीजन के स्तर को बेहतर बनाता है। यह गर्दन व रीढ़ की हड्डियों व मासपेशियों के खिंचाव व पीठ के दर्द में आराम देता है।

भुजंगासन : भुजंगासन कंधे और गर्दन को खोलता है, पेट की मांसपेशियों को सख्त करता है, पीठ और कंधे को मज़बूती देता है, ऊपरी और मध्य पीठ के हिस्से में लचीलापन, रक्त परिसंचरण में सुधार, तनाव और थकान को कम कर देता है।

पर्वतासन: यह आसन पैर के पीछे के मांस पेशियों में, घुटने के पीछे की नसों में और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव लाता है। यह थकान को दूर करता है, स्मृति और एकाग्रता में सुधार लाता है।

ताड़ासन : बच्चों की हाइट बढ़ाने, रक्त परिसंचरण और पाचन में सुधार लाता है। यह ऊर्जा और उत्साह भी बढ़ाता है।

वज्रासन :वज्रासन भोजन पचाने में और पैरों और जांघों की नसों को मजबूत बनाने के लिए एक उत्कृष्ट आसन है। 

पश्चिमोत्तानासन: बच्चों का हाइट बढ़ाने के लिए बहुत ही उपयोगी आसान है

ये कहते योग शिक्षक

लॉकडाउन में बच्चों को गेमिंग की लत पड़ गई है। इससे उनकी आंख व दिमाग में ज्यादा असर पड़ता है। इस लत को दूर करने के लिए कई अभिभावक बच्चों को योग की दिशा में मोड़ रहे हैं। मैं विशेषकर विद्यालय जाने वाले छात्रों के लिए उनके मानसिक और शारीरिक विकास में सहायक आसन  सिखा रही हूं। मेरे द्वारा सिखाए जाने वाले आसन विभिन्न मंसिपेशियो को शक्तिशाली बनाते हैं और सभी प्रकार के तनाव से मुक्त करके संतुलित मन और शरीर प्रदान करते हैं।

- कुमकुम सिंह योग शिक्षिका


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