Katha Goshthiः साहित्यकारों ने आपदा काल में लोगों के हालात किए बयां
कलम की सुंगध झारखंड के गूगल मीट में साहित्य सेवियों की खूबसूरत प्रस्तुति दिखी। गोष्ठी ने आपदा काल में जिजीविषा प्रदान की एवं सभी में ऊर्जा का संचार किया। आज हम सभी जिस विषम परिस्थिति से गुजर रहे हैं इन सभी विषयों को गोष्ठी में सम्माहित किया गया।
जमशेदपुर, जासं। कलम की सुंगध झारखंड के गूगल मीट में साहित्य सेवियों के सहयोग की खूबसूरत प्रस्तुति दिखी। गोष्ठी ने इस आपदा काल में जिजीविषा प्रदान की एवं सभी में ऊर्जा का संचार किया। आज हम सभी जिस विषम परिस्थिति से गुजर रहे हैं इन सभी विषयों को इस गोष्ठी में सम्माहित किया गया। किसी ने अपनों को खोने का दर्द बांटा तो किसी ने सकारात्मक रचनाओं से आगे बढ़ने को प्रेरित किया। सभी की रचनाएं सराहनीय रहीं। इसमें आपदा काल से निपटने व समय को सुखद बनाने की प्रेरणा भी दी गई।
आयोजन की अतिथि सरित किशोरी श्रीवास्तव थी,जिन्होंने अपने आशीर्वचनों से अनुग्रहित किया। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता बंसत जमशेदपुरी ने की। उन्होंने पूरी तन्मयता से सबकी रचनाओं को सुना और अंत तक बने रहे। अपने अध्यक्षीय भाषण से उन्होंने कार्यक्रम का उद्देश्य बताया। स्वागत भाषण मनीषा सहाय सुमन ने किया। डा. आकांक्षा चौधरी ने अपनी सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। वीणा पांडेय भारती व निवेदिता श्रीवास्तव ने बहुत ही सुन्दर ढ़ंग से मंच संचालन किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन आरती श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में रंजना वर्मा उन्मुक्त, नीता शेखर, मुनमुन ढ़ाली, गीता चौबे गूंज, मीरा द्विवेदी वर्षा, सीमा सिन्हा मैत्री, वीणा कुमारी, रूणा रश्मि, दिप्ति, बिंदू प्रसाद, रिद्धिमा, रीना सिन्हा, स्मृति पांडे चौबे, सुनीता श्रीवास्तव जागृति, पूनम शर्मा स्नेहिल, उपासना सिन्हा, पद्मा प्रसाद, वीणा कुमारी, विध्यवासिनी तिवारी, विभा वर्मा, ममता सिंह का सहयोग रहा। सभी ने गोष्ठी में अपनी सुन्दर रचनाएं प्रसतुत की।