LIC Nationalisation Day: एलआईसी जमशेदपुर मंडल ने मनाया जीवन बीमा निगम का राष्ट्रीयकरण दिवस, जानिए एलआईसी का इतिहास
वर्ष 1956 में पांच करोड़ रुपये की मामूली राशि के साथ भारतीय जीवन बीमा निगम ने अपना व्यवसाय शुरू किया और वर्तमान में 38 लाख करोड़ रुपये से अधिक परिसंपत्ति के मालिक हैं। ग्राहक आधार के मामले में भी यह दुनिया की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है ।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : एलआईसी में कार्यरत विभिन्न कर्मचारी व अधिकारियों के संगठन के संयुक्त मोर्चा द्वारा बुधवार को जमशेदपुर मंडल द्वारा जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण दिवस मनाया गया। आज ही के देश वर्ष 1956 में एक अध्यादेश द्वारा देश में कार्यरत निजी बीमा कंपनियों, जिसमें 154 भारतीय बीमा कंपनी, 16 विदेशी बीमा कंपनियां और 75 प्राइवेट फंड सोसाइटी थी, का सरकार द्वारा राष्ट्रीकरण किया गया था।
सार्वजनिक क्षेत्र बचाओ, एलआईसी को मजबूत करने का आहवान
संयुक्त मोर्चे की ओर से बुधवार को बिष्टुपुर स्थित जीवन प्रकाश बिल्डिंग में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र बचाओ, एलआईसी को मजबूत बनाओं दिवस के रूप में मनाया गया। साथ एलआईसी के सार्वजनिक चरित्र को अक्षुण रखने का संकल्प लिया गया। कार्यालय के बाहर गेट मीटिंग के दौरान मंडल व कार्यालय कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए एलआईसी के निजीकरण के खतरे के प्रति आगाह किया। इस मौके पर मंडल कार्यालय, एलआईसी क्लास 1 फेडरेशन, क्लास 2 फेडरेशन, आईईएजेड और जेडीआईईए के नेता व कर्मचारी उपस्थित थे जिन्होंने कहा कि एलआईसी का पूर्णत सरकारी नियंत्रण में रहना देश और आम जनता के हित में है। इसे कमजोर करने की हर कोशिश का विरोध करना हमारा सामाजिक व नैतिक दायित्व है। इस मौके पर राजेश कुमार, गिरीश ओझा, अमित मइति, अपूर्वा दत्ता, सुशील पांडेय, पवन कुमार, अरुण कुमार, अमित कुमार सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे।
पांच करोड़ की राशि से शुरू हुआ था व्यापार
वर्ष 1956 में पांच करोड़ रुपये की मामूली राशि के साथ भारतीय जीवन बीमा निगम ने अपना व्यवसाय शुरू किया और वर्तमान में 38 लाख करोड़ रुपये से अधिक परिसंपत्ति के मालिक हैं। ग्राहक आधार के मामले में भी यह दुनिया की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है जिसके पास 40 करोड़ से अधिक कस्टमर है। दो दशक से अधिक की प्रतिस्पर्धा के बाद एलआईसी उच्चतम बाजार हिस्सेदारी के साथ मजबूती से खड़ी है। एलआईसी हर साल लगभग ढ़ाई लाख करोड़ रुपये का लाभांश सरकार को देती है। देश की ढ़ांचागत विकास में भी एलआईसी का योगदान अतुलनीय है। केवल पंचवर्षीय योजनाओं में एलआईसी का निवेश 55 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
आईपीओ के नाम पर कमजोर करने की साजिश
बीमा कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि वर्तमान सरकार एलआईसी को कमजोर करने के लिए आईपीओ और शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने की पहल कर रही है। जिसका देश भर में काफी विरोध हो रहा है। केंद्र सरकार एलआईसी के अलावा बड़ी संख्या में सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को आत्मनिर्भर भारत की आड़ में निजीकरण व विनिवेशीकरण के लिए तैयार कर रही है।