कोरोना काल में गुरुद्वारों में पाठ व कीर्तन बंद, संगत फेसबुक पर लाइव सुन कर हो रहे निहाल Jamshedpur News
ऐसे में लौहनगरी के प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने घर बैठी संगत को गुरमत विचार सुखमनी साहिब के महत्व व गुरु इतिहास से रुबरु कराने की ठान ली है।
जमशेदपुर (जासं) । कोरोना काल में गुरुद्वारों में पाठ व कीर्तन दरबार पर पाबंदी लगी हुई है। ऐसे में लौहनगरी के प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने घर बैठी संगत को गुरमत विचार, सुखमनी साहिब के महत्व व गुरु इतिहास से रुबरु कराने की ठान ली है। वे प्रत्येक सप्ताह शनिवार व रविवार को पंजाब, अमेरिका सहित देश के जाने माने प्रचारकों द्वारा फेसबुक पर ऑनलाइन कथा कराई जा रही है इसे हजारों की संगत फेसबुक पर लाइव सुन कर निहाल हो रहे है्। इस बार फेसबुक पर पंथ के दो महान प्रचारक प्रो सुखविंदर सिंह ददेहर एवं परमजीत सिंह उत्तराखंड जुड़े थे। प्रो सुखविंदर सिंह ने सिख संगत को सोदर की वाणी के महत्व के बारे में बताया।
उन्होंने संगत को बताया कि प्रत्येक सिख को गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज वाणियों को उसी तरीके से गायन या पढ़ना चाहिए जैसे गुरु ग्रंथ साहिब में लिखी गई है। उन्होंने कहा की हर सिख को सहज पाठ करना चाहिए ताकि गुरबाणी को सही ढंग से उच्चारण करने के बारे संगत को समझ आ सके। प्ररचारक भाई परमजीत सिंह उतराखंड वाले ने संगत को सुखमनी साहिब की असल परिभाषा से अवगत कराया। उन्होंने कहा की गुरु ग्रंथ साहिब की पूरी गुरबाणी सुखो की वाणी है इसे पढ़कर हमारा जीवन सुख भरा हो जाता है ।
हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने बताया कि इस पूरे कार्यक्रम में करीब तीन हजार से ज्यादा संगत लाइव जुड़ी हुई थी। जमशेदपुर के अलावा देश- विदेश की संगत भी इस कार्यक्रम को देख रही थी। उन्होंने कहा कि वे इस तरह के उपराले संगत के सहयोग से आगे भी करते रहेंगे। हरविंदर के साथ जुगसलाई स्टेशन रोड गुरुद्वारा के प्रचारक प्रचारक भाई गुरप्रताप जी भी शामिल थे जिन्होंने काफी सवाल जवाब प्रचारकों से किया।