झरिया में टाटा स्टील खोलेगी कुष्ठ अस्पताल
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील जल्द ही झरिया में कुष्ठ अस्पताल खोलेगी। कंपनी प्रबंधन इसके लिए तैयारी कर रहा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील जल्द ही झरिया में कुष्ठ अस्पताल खोलेगी। कंपनी प्रबंधन इसके लिए तैयारी कर रहा है। टाटा मुख्य अस्पताल का मासिक कार्यक्रम, डॉक्टर ऑनलाइन बुधवार को संपन्न हुआ। इसमें सवालों के जवाब देते हुए अस्पताल के महाप्रबंधक (मेडिकल सर्विसेज) डॉ. राजन चौधरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि इस रोग को जड़ से मिटाना और जो पीड़ित हैं उन्हें बेहतर इलाज उपलब्ध कराना है।
उन्होंने बताया कि झरिया में जल्द ही अस्पताल निर्माण का काम शुरू होगा। उन्होंने कुष्ठ रोग की पहचान बताते हुए कहा कि कुष्ठ रोग एक क्रॉनिक बीमारी है जो माइक्रो बैक्टिरिया, लेप्रै के कारण होता है। यह बीमारी शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि यह आसपास में रहने वाले लोगों को भी हो। प्रारंभिक चरण में इसके बैक्टिरिया हाथ, पैर, मुंह और शरीर के खुले अंगों में फैलता है। इससे शरीर में चकते बनते हैं।
सूजन व उस जगह पर झनझनाहट महसूस होती है। शरीर के उक्त अंग में ठंडा या गर्म का एहसास जल्द नहीं होता। रक्त में ऑक्सीजन की कमी होने से चकते वाले क्षेत्र गलने लगते हैं। उन्होंने बताया कि टीएमएच में इसका बेहतर इलाज व दवा सब्सिडी दर पर उपलब्ध है। फिलहाल जागरूकता के कारण इसके मरीजों की संख्या में कमी आई है।
संतुलित खान-पान से हृदयघात से बचाव संभव : कार्यक्रम में डॉ. वी मल्लिक ने बताया कि संतुलित खान-पान और नियमित व्यायाम से ह्दयघात के खतरे को कम किया जा सकता है। उन्होंने हृदयघात के प्रारंभिक पहचान बताते हुए बताया कि हार्ट अटैक आने से पहले हाथ-पैर सिकुडने लगते हैं। मुंह टेढ़ा और बोलने के समय व्यक्ति हकलाने लगता है। ऐसी स्थिति आने पर संबधित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। वहीं, उन्होंने बताया कि तेल-मसाले और चर्बीयुक्त खाने या जंक फूड को छोड़कर हर व्यक्ति को हरी व पत्तीदार सब्जियां और सलाद खाने चाहिए। ब्लॉकेज अब एक आम समस्या बन गई है लेकिन टीएमएच सहित कई अस्पतालों में इसका इलाज इंजेक्शन या स्टेन द्वारा संभव है।
बाहर से हटे अतिक्रमण : कार्यक्रम के दौरान कोक प्लांट के कमेटी मेंबर करमअली ने टीएमएच के बाहर होने वाले अतिक्रमण का मामला उठाया। कहा कि पूर्व में भी कई बार इस मामले को उठाया जा चुका है। नो-पार्किंग जोन व बोर्ड लगाने के बावजूद बाहर में गाड़ियां लगती है जिसके कारण आवाजाही में परेशानी होती है। इस पर डॉ. राजन चौधरी ने कहा कि इस मामले में कंपनी प्रबंधन और जिला प्रशासन से बात कर अभियान चलाया जाएगा। वहीं, डॉक्टरों ने बताया कि पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। नियमित रूप से स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेने हुए खान-पान में सुधार करना चाहिए।