टाटा मोटर्स के 'लीव बैंक' में जमा हुए 5000 अवकाश, बीमार कर्मचारियों को मिलेगी मदद
टाटा मोटर्स में लीव बैंक की शुरुआत की गई है। लगभग 5000 लीव बैंक में जमा हुए हैं। अधिक दिनों तक बीमार रहने व काम करने में अक्षम कर्मियों को इस लीव बैंक से मदद मिलेगी।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। देश की बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स में लीव बैंक की शुरुआत की गई है। मार्च महीने से कर्मचारियों का अवकाश जमा करना प्रारंभ हो गया है। कंपनी के सभी कर्मचारियों का एक दिन का पीएल (प्रीविलेज लीव) फरवरी माह में कटा है, जिसकी जानकारी वेतन स्लिप मिलने के बाद मिली। लगभग 5000 लीव बैंक में जमा हुए हैं।
अधिक दिनों तक बीमार रहने व काम करने में अक्षम कर्मियों को इस लीव बैंक से मदद मिलेगी। इसके तहत प्रति कर्मचारी एक साल में एक लीव जमा करना है। वर्ष 2019 की शुरुआत में लीव बैंक की सुविधा की शुरुआत हुई थी, जिसे लेकर प्लांट हेड की ओर से सर्कुलर जारी हुआ था। इस सुविधा से कंपनी में कार्यरत ई.ग्रेड के करीब पांच हजार स्थायी कर्मियों को लाभ मिलेगा।
किसे मिलेगी सुविधा
वैसे कर्मचारी जिसका लीव किसी बीमारी या दुर्घटना होने की वजह से समाप्त हो गया है वैसे कर्मचारियों का लीव बैंक से अवकाश को समायोजित करके उनका पूरा वेतन दिया जाएगा। बीमारी या दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद काम से बैठे कर्मचारियों को अधिकतम 90 दिनों के अवकाश का लाभ मिल सकता है। सर्विस काल में दो बार यह सुविधा मिलेगी। लीव लेने वाले कर्मचारियों को अगले साल 50 फीसद अवकाश जमा करना होगा।
कैसे होगी लीव की स्वीकृति
कर्मचारियों को लीव स्वीकृति का अधिकार कमेटी को दिया गया है। इसमें प्रबंधन-यूनियन के तीन-तीन प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। प्रबंधन-यूनियन के प्रतिनिधि ही बीमार या दुर्घटनाग्रस्त कर्मियों की स्थिति का जायजा लेकर उन्हें लीव बैंक की सुविधा दिलाने का काम करेंगे। शराब या किसी अन्य नशा का लत लगना व उसकी वजह से बीमार होने वाले कर्मचारियों को यह सुविधा नहीं मिलेगी।
टाटा मोटर्स लखनऊ में पहले से लागू है सुविधा
टाटा मोटर्स की लखनऊ इकाई में पहले से लीव बैंक की सुविधा प्रभावी है। पिछले दिनों टाटा स्टील में भी इस बाबत पहल शुरू हुई थी। टाटा वर्कर्स यूनियन ने इस दिशा में सकारात्मक कदम बढाए थे। प्रबंधन के साथ मिलकर मसौदा तैयार किया गया था।