चेन्नई से भागे पाकुड़ के पांच मजदूर जमशेदपुर पहुंचे
बिस्कुट बनाने के बजाय इनसे लोहा उठाने को कहा जाता था।
ब्लर्ब :: - लॉकडाउन के दौरान बिस्कुट फैक्ट्री में काम देने के नाम पर ले गए थे कंपनी के आदमी
जासं, जमशेदपुर : चेन्नई से लौटे पाकुड़ के पांच मजदूर शनिवार को जमशेदपुर पहुंचे। यहां इन्हें भाजपा नेता रमेश हांसदा ने साकची स्थित भाजपा के जिला कार्यालय लाया। इन्हें दोपहर बाद बस से पाकुड़ भेजा गया। मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान ये चेन्नई से लौटे थे, लेकिन जब स्थिति सुधरने लगी, तो चेन्नई की बिस्कुट कंपनी का आदमी पाकुड़ आया। वह उन्हें यह बोलकर ले गया कि भोजन और आवास के अलावा सभी को साढ़े नौ हजार रुपये वेतन मिलेगा। इसी आश्वासन पर पाकुड़ से करीब 40 मजदूर चेन्नई चले गए, लेकिन वहां साढ़े चार हजार रुपये वेतन दिया गया। बिस्कुट बनाने के बजाय इनसे लोहा उठाने को कहा जाता था।
बाद धीरे-धीरे वहां से मजदूर भागने लगे। इसी बीच वे लोग भी किसी तरह ट्रक आदि में बैठकर ओडिशा के बहलदा तक पहुंचे। वहां जब ये भटक रहे थे किसी ने रमेश हांसदा से संपर्क किया तो उन्होंने मदद करने का भरोसा दिया। मजदूरों ने बताया कि अब भी वहां करीब 14 मजदूर फंसे हैं और भागने की तैयारी में हैं।
जमशेदपुर आने वाले पाकुड़ के मजदूरों में कान्हू सोरेन (डाहरलामी लिट्टीपाड़ा), रावण हांसदा (दोमहानी पाकुड़िया), राजेश मुर्मू (सोनाढानी लिट्टीपाड़ा), शिवधन मुर्मू (बारामसिया, लिट्टीपाड़ा) व विभीषण टुडू (पाकुड़िया) शामिल हैं। इनकी मदद करने वालों में रमेश बास्के, बिनानंद सिरका. संजय मुंडा, आशुतोष दास. महाबीर कर्मकार, विनोद गुप्ता आदि हैं। ये मजदूर पहली बार नौकरी के लिए जून में बाहर गए थे।