छह साल की उम्र से कथा कर रही कृष्णप्रिया को बच्चों से है काफी लगाव, इनके लिए करतीं है ढेर सारे सामाजिक काम
6 वर्ष की आयु से ही कथा करतीं आ रहीं साध्वी कृष्णप्रिया विश्व भर में कथायें कर चुकीं हैं। अपनी कथाशैली व भजनों के माध्यम से सोशल मीडिया पर भी सुप्रसिद्ध हैं। साध्वी कृष्णप्रिया मात्र 25 साल की है।
जमशेदपुर। बच्चों का ह्रदय बहुत पवित्र होता है। वे किसी भी प्रकार की छल कपट ईर्ष्या इत्यादि दुर्भावनाओं से दूर होते हैं। उनकी मुस्कराहट ही उनका गहना होता है। लेकिन जब भी सड़कों पर गरीब बच्चों को देखती हूं तो मन में एक ही विचार आता है कि इनके चेहरे पर कैसे खुशी लाई जाए।अगर किसी व्यक्ति को किसी काम की कहीं से प्रेरणा मिल जाए तो वह उस कार्य को पूरा करके छोड़ता है। चाहे उसके लिए कितनी भी कठिनाई क्यों न आ जाए। उक्त बातें शहर में आई परमपूज्या कृष्णप्रिया ने कही। बच्चों में भगवान का दर्शन करने वाली परम पूज्या कृष्णप्रिया अपनी कथाओं के माध्यम से बच्चों की शिक्षा के प्रति सकारात्मकता प्रसारित करती हैं। साध्वी कृष्णप्रिया के जमशेदपुर में भी उनके कई अनुयायी है।
अपने बचपन में मात्र 6 वर्ष की आयु से ही कथा करतीं आ रहीं साध्वी कृष्णप्रिया विश्व भर में कथायें कर चुकीं हैं। अपनी कथाशैली व भजनों के माध्यम से सोशल मीडिया पर भी सुप्रसिद्ध हैं। 26 जनवरी 1997 को वृन्दावन की पावन भूमि पर जन्मी कृष्णप्रिया चैन बिहारी आश्रय फाउंडेशन की संचालिका हैं जो गौमाता की रक्षा के साथ साथ, जरूरतमन्द बच्चों, बुजुर्गों के लिए आशा की किरण है।
अपनी कथाओं से प्राप्त सेवा राशि का बहुत बड़ा हिस्सा बच्चों के लिए समर्पित करतीं हैं। बच्चों की शिक्षा को लेकर देवी जी समाज को भी जगरूक करतीं हैं और उन्हें देश का उज्ज्वल भविष्य बताती हैं। कथाओं के लिए उनका आगमन अनेकों राज्यों में होता है। वे जहाँ भी जातीं हैं वहाँ के आसपास के स्कूलों, बस्तियों आदि में अवश्य जाती हैं और बच्चों को पढ़ाई लिखाई की सामग्री, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा, खिलौने इत्यादि जरूरत का सामान वितरित करतीं हैं। ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में बच्चों को आधुनिक शिक्षा मिले, इसके लिए वह अनेक स्कूलों को प्रोजेक्टर दान कर चुकीं हैं।
हाल ही में पांडेवेश्वर में आयोजित रामकथा में कृष्णप्रिया बच्चों से मिलने पास के इलाके में पहुंची वहां उन्हें वस्त्र, भोजन खिलौने आदि का वितरण किया। सभी बच्चे बहुत उत्साहित दिखे और पूरे जोश के साथ "राधे राधे" का जयकारा भी लगाते रहे।