Nitish Bhardwaj Divorce : महाभारत के 'कृष्ण' ने पत्नी को दिया तलाक, जमशेदपुर के रह चुके हैं सांसद
Nitish Bhardwaj Divorce पौराणिक सीरियल महाभारत में कृष्ण की भूमिका निभाकर दुनिया भर में प्रसिद्धि पाने वाले नीतिश भारद्वाज ने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया है। नीतीश भारद्वाज 1996 में जमशेदपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं...
जमशेदपुर। जमशेदपुर के पूर्व सांसद व टेलीविजन के पौराणिक शो ‘महाभारत’ में कृष्ण की भूमिका से हर किसी के दिलों पर छाप छोड़ने वाले अभिनेता नीतीश भारद्वाज ने अपनी शादी तोड़ने का फैसला लिया है। 1996 में नीतीश भारद्वाज भाजपा के टिकट पर जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र का चुनाव जीता था। मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले नीतिश भारद्वाज जहां पेशे से एक्टर हैं, वहीं स्मिता आइएएस अधिकारी हैं। पत्नी स्मिता अपनी जुड़वा बेटियों के साथ इंदौर में रहती है।
नीतीश बोले-तलाक मौत से ज्यादा दर्दनाक
नीतीश भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए सितंबर 2019 में फाइल किया था। मैं यह बताना नहीं चाहता कि हम किस वजह से अलग हुए। मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा तलाक मौत से ज्यादा दर्दनाक होता है। खासकर तब जब आप एक खालीपन के साथ रह रहे होते हैं।
शादी के रिश्ते पर नीतीश भारद्वाज ने कहा कि मैं इस वैवाहिक बंधन पर भरोसा रखता हूं, लेकिन मैं इस मामले में खुशकिस्मत नहीं रहा हूं। अगर सच कहूं तो शादी टूटने के कई कारण हो सकते हैं। कई बार आप अपने साथी के एटीट्यूड से समझौता नहीं कर पाते हैं तो कभी कम्पैशन की कमी रह जाती है। कभी स्वाभिमान आड़े आ जाता है तो कभी एक-दूसरे की सोच नहीं मिलती है। जब भी रिश्ता टूटता है तो बच्चों पर इन चीजों का बुरा असर पड़ता है और उसके जिम्मेदार हम माता-पिता ही हैं।
सांसद बनने के बाद कभी लौटकर जमशेदपुर नहीं आए
बात 1996 की है। बीआर चोपड़ा की पौराणिक धारावाहिक महाभारत की धूम थी। भगवान कृष्ण का किरदार निभा रहे नीतीश भारद्वाज घर-घर में जाने-पहचाने जा रहे थे। उसी वक्त लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई। भाजपा ने महाभारत के कृष्ण नीतिश भारद्वाज को जमशेदपुर के चुनावी रण में उतार दिया। नीतीश भारद्वाज का लौहनगरी के भक्तों ने भव्य स्वागत किया। प्रचार के लिए निकले, हर तरफ भीड़ ही भीड़ नजर आती थी। कई महिलाए तो भाव विभोर होकर पूजा करने लगती थी।
इंदर सिंह नामधारी को हराया था
उक्त चुनाव में नीतीश भारद्वाज ने तब के दिग्गज नेता जनता दल प्रत्याशी इंदर सिंह नामधारी को 55,137 वोटों से पराजित किया था। नीतीश भारद्वाज को दो लाख 21 हजार 702 वोट मिले थे। यह कुल वोटों का 59.2 फीसदी हिस्सा था। रणक्षेत्र से जीत के बाद भगवान कृष्ण, जो हस्तिनापुर (दिल्ली) को निकले कि दोबारा जमशेदपुर नहीं लौटे। भक्त रूपी मतदाता पलक पांवड़े बिछाये उनके आने का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आएं।