जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव कृष्ण मुरारी बोले- हम दो हमारे दो, तो सबके दो
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर शनिवार को काशीडीह स्थित ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह दुर्गापूजा मैदान में सभा होगी। इसमें शामिल होने के लिए जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव कृष्ण मुरारी शहर आए हैं। सभा के संयोजक अभय सिंह ने उनसे हुई बातचीत को विस्तार से बताया।
जमशेदपुर, जासं। जनसंख्या नियंत्रण कानून पर शनिवार को काशीडीह स्थित ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह दुर्गापूजा मैदान में सभा होगी। इसमें शामिल होने के लिए जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव कृष्ण मुरारी शहर आए हैं। सभा के संयोजक अभय सिंह ने उनसे हुई बातचीत को विस्तार से बताया। उन्होंने नारा दिया है हम दो हमारे दो, तो सबके दो... बढ़ती ये आबादी है देश की बर्बादी है....
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति सबसे श्रेष्ठ एवं प्राचीनतम रही है। इतिहास साक्षी है कि, भारत के मूल हिन्दू समाज ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया। हिन्दू पूरे विश्व के साथ आत्मीय संबंध रहा है, इसलिए पर्यावरण, विश्व शांति तथा बंधुतत्व की कुंजी हिंदू समाज के पास है। हमारी मान्यता रही है कि तलवार के बल पर नहीं, बंधुतत्व के बल पर लोगों को जीतो। इसलिए हम सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया के रास्ते पर चलते रहे हैं। पांच हजार सालों का इतिहास उठाएंगे तो दुनिया के अंदर हिंदू जहां भी गए हाथ में तलवार नहीं, बल्कि गीता, वेद, उपनिषद लेकर गए, लेकिन गुलामी कालखंड में हमारी छवि को धूमिल करने के षडयंत्र हुए और जनसंख्या का असंतुलन निर्माण किया। आज भारत में ऐसी तीन पीढ़ी तैयार हो गई है, जो अपने आदर्शों, मान बिंदुओं तथा महापुरुषों को भूलती जा रही है। इसके कारण कुसंस्कार, धर्मांतरण, पाश्चात्य शैली का प्रभाव हमारी वर्तमान पीढ़ी पर पड़ रहा है। वर्तमान में जितनी भी समस्या है, उसका मूल कारण बढ़ती आबादी और समाज में जागरूकता का अभाव है।
भारतीय संस्कृति की रक्षा करना सभी भारतीयों का पहला कर्तव्
जनसंख्या समाधान फाउंडेशन सामर्थ्य, गौरव व वीरता से परिपूर्ण युवाओं का ऐसा संगठन है, जो भारतीय समाज में अपनी प्रकृति, संस्कृति, महापुरुषों, मान बिंदुओं, देवी-देवताओं के प्रति गौरव का भाव जगाने का कार्य कर रहा है। भारत पूरे मानव जाति की संचेतना है, इस पर जनसंख्या का प्रहार महाप्रलय का आमंत्रण है। जनसंख्या समाधान फाउंडेशन भारत और समाज का सचेतक है। जनसंख्या समाधान फाउंडेशन भारत का सजग प्रहरी है, जो खुद जागता है और जनमानस को भी जगाता है। भारतीय संस्कृति की रक्षा करना सभी भारतीयों का पहला कर्तव्य है। वर्तमान में भारत को आंतरिक व बाह्य, दोनों प्रकार के संकट का सामना करना पड़ रहा है। अपने समाज के हर व्यक्ति को राष्ट्र की चुनौतियों के प्रति जागृत व सतर्क रहना होगा।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आपसी सम्मान की भावना बढ़ाने की जरूरत
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आपसी सम्मान व एक-दूसरे के अस्तित्त्व के प्रति प्रेम बढ़ाना अति आवश्यक है, लेकिन ये एकतरफा कतई नहीं होना चाहिए। हम कभी दूसरों का नुकसान करने की दैत्य प्रवृति का भाव नहीं रखते। इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि बाकी लोगों को भी इसी रास्ते को चुनना होगा। पक्षपात के बल पर कभी एकात्मता की भावना विकसित नहीं हो सकती, इस तथ्य व कठोर सच को सभी को स्वीकार करना चाहिए।
जिहाद पर नियंत्रण जरूरी
धर्म विशेष का प्रभुत्व बढ़ाने के लिए लंबे अरसे से जिहाद रूपी दानवी चेहरे से समाज को धर्मांतरण करने के षड्यंत्र व विराम लगाना आवश्यक है। पॉपुलेशन जिहाद, लैंड जिहाद, हेल्थ जिहाद व लव जिहाद से देश के आंतरिक सुरक्षा को भारी खतरा है। जिहाद के खिलाफ कड़े कानून भी बनाए जाने चाहिए।
सख्त जनसंख्या रोको कानून बने
खुशहाल व समृद्ध भारत के निर्माण में जनसंख्या विस्फोट सबसे बड़ी बाधा है। जनसंख्या नियंत्रण में निरपेक्ष भूमिका निभानी चाहिए। धर्म व मजहब के चश्मे को उतारकर जनसंख्या रोकने के लिए कठोर कानून बनाना चाहिए। एक धर्म विशेष के लोग तेजी से जनसंख्या बढ़ाने में लगे हैं। भारत के टुकड़े करने की मंशा अंदर ही अंदर पाले हैं। सभी जानते हैं कि इस पक्ष को लेकर आजतक कानून का ना बनना दुर्भाग्यपूर्ण है।
अवैध घुसपैठियों को भारत से बाहर करें
बिहार ओर झारखंड में अवैध घुसपैठ की समस्या तेजी से पांव पसार रही है। घुसपैठ रोकना सरकार की पहली भूमिका होनी चाहिए। अवैध घुसपैठियों से क्षेत्र के जनांकिकी को प्रभावित करने के षडयंत्र हो रहे हैं। अवैध घुसपैठ को संरक्षण देने वाले राजनेताओं को चिह्नित किया जाना चाहिए। अपराध व जनसंख्या बढ़ाने में घुसपैठियों की भूमिका सबसे आगे होती है। भारतीय जनमानस की खुशहाली व शांति के लिए अवैध घुसपैठ कर चुके लोगों को देश से बाहर करने की आवश्यकता है
भारत में प्रतिदिन 65 हजार बच्चे जन्म ले रहे हैं, जिसे कोई भी सरकार रोजगार नहीं दे सकता है। इसके कारण बढ़ती आबादी भारत में सुरसा की तरह बेरोजगारी बढ़ा रही है।