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Jharkhand Assembly Election 2019 : जान‍िए व‍िधानसभा चुनाव लड़ रहे अपने प्रत्याशी की प्रोफाइल और स‍ियासी कर‍ियर की कहानी Jamshedpur News

कोल्‍हान क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर प्रत्‍याशियों के नाम लगभग तय हो चुके हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रत्‍याशियों के बारे में।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 01:51 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 01:51 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 :    जान‍िए व‍िधानसभा चुनाव लड़ रहे अपने प्रत्याशी की प्रोफाइल और स‍ियासी कर‍ियर की कहानी  Jamshedpur News
Jharkhand Assembly Election 2019 : जान‍िए व‍िधानसभा चुनाव लड़ रहे अपने प्रत्याशी की प्रोफाइल और स‍ियासी कर‍ियर की कहानी Jamshedpur News

जमशेदपुर (जेएनएन)। झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कोल्‍हान क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर प्रत्‍याशियों के नाम लगभग तय हो चुके हैं। आइए, जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रत्‍याशियों के बारे में। 

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12वीं पास लक्ष्मण गिलुवा 1995 में पहली बार बने विधायक 

लक्ष्मण गिलुवा के प‍िता का नाम स्व. दंसार गिलुवा है। माता का नाम गुरबारी गिलुवा है। पत्नी का नाम मालती गिलुवा है। इन्‍हें दो पुत्र और एक पुत्री है। इनके गांव का नाम जान्टा है। यह भरनिया पंचायत में है। यह पश्‍च‍िम  स‍िंंहभूम ज‍िले में है। लक्ष्मण गिलुवा 12 वीं पास हैं।

काशी साहू कालेज सरायकेला से इंटर कामर्स क‍िया है। इनका जन्‍म 20 दिसंबर 1964 को हुआ था। वर्ष-1995 में पहली बार विधायक बने। वर्ष 1999 में ङ्क्षसहभूम संसदीय क्षेत्र से सांसद बने। वर्ष 2004 में लोकसभा का चुनाव और वर्ष 2005 में विधानसभा का चुनाव सुखराम उरांव से हारे। वर्ष 2009 में महज 280 वोटों से झामुमो विधायक सुखराम उरांव को पराजित कर दूसरी बार चक्रधरपुर के विधायक बने। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर दूसरी बार सांसद बने। वर्ष 2019 में लोकसभा का चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा से हार गए। इस बार लक्ष्मण गिलुवा भाजपा प्रत्याशी के रूप में चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र से भाग्य अजमाएंगे। 

छह बार लड़े, लेकिन एकबार ही चुनाव जीते गुरुचरण नायक 

गुरुचरण नायक का जन्‍म 15 जनवरी 1966 को हुआ। पत्नी का नाम अनुसूइया नायक है। पिता का नाम स्व. विरंची नायक है। इन्‍होंने राजनीतिशास्त्र में एमए क‍िया है। मगध विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में पीएचडी कर रहे हैं। अभी र‍िजल्‍ट जारी नहीं हुआ है। एनएसयूआइ से राजनीति शुरू की। वर्ष 1991 में पहली बार मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े।

कांग्रेस के कृष्णचन्द्र मुंडा चुनाव जीत गए। इसके बाद के पांच चुनावों में लगातार झामुमो की जोबा माझी को चुनौती देते आ रहे हैं। 1995 में कांग्रेस प्रत्याशी, वर्ष 2000 में निर्दलीय, 2005 व 2009 तथा 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े। अब तक कुल छह बार चुनाव लड़ चुके नायक को सफलता एक बार वर्ष 2009 में मिली। त्रिकोणीय मुकाबले में फंस कर जोबा माझी तीसरे स्थान पर चली गई थीं। नायक को कुल 27332 मत मिले थे। वर्ष 2014 में जोबा माझी ने 57558 मत प्राप्त कर जीत हासिल की। नायक को इसबार 40989 मत मिले थे। शुक्रवार 15 नवंबर को नामांकन करेंगे। इस बार भी वे भाजपा से मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी हैं। 

आदर्श युवा विधायक का पुरस्कार जीत चुके हैं कुणाल षड़ंगी 

कुणाल षड़ंगी के प‍िता का नाम डॉ दिनेश षड़ंगी है। माता का नाम डॉ बिनी षड़ंगी है। इनकी उम्र करीब 40 वर्ष है। इन्‍होंने एनआइटी जमशेदपुर से स्नातक क‍िया है। लेंकास्टर यूनिवर्सिटी ब्रिटेन से एमबीए भी क‍िया है। इनका निवास स्थान पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा में है। वर्ष 2014 में सक्रिय राजनीति में आए। झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़े और पहली बार में ही विधायक चुन लिए गए।

झामुमो विधायक दल के सचेतक एवं केंद्रीय प्रवक्ता भी रहे। आदर्श युवा विधायक के पुरस्कार से नवाजे गए। 23 अक्टूबर 2019 को झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। पिता डॉ दिनेश षड़ंगी झारखंड के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। बड़े भाई कोणार्क षड़ंगी कंप्यूटर इंजीनियर हैं। इसबार कुणाल षड़ंगी बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी होंगे। 

पहली बार भाजपा से चुनाव लड़ेंगे वकील लखन मार्डी 

लखन चंद्र मार्डी के प‍िता का नाम स्व. सालकु नाथ मार्डी है। इनका जन्म 25 अक्‍टूबर 1979 को हुआ था। इन्‍होंने रांची विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक कर रखा है। मयूरभंज लॉ कॉलेज से लॉ की पढ़ाई कर चुके हैं। ये ग्राम तराशपुर, पोस्ट सिंहपुरा थाना गुड़ाबांधा जिला पूर्वी सिंहभूम के रहने वाले हैं। वर्तमान में ग्राम लालडीह, पोस्ट और थाना घाटशिला में रहते हैं।

झारखंड हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। अनुसूचित जनजाति मोर्चा के कोल्हान प्रमंडल प्रभारी भी हैं। राज्य बीस सूत्री कमेटी के सदस्य भी है। घाटशिला विधानसभा कोर कमेटी के सदस्य हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम वर्ष प्रशिक्षित स्वयंसेवक रहे हैं। भाजयुमो, पूर्वी सिंहभूम के जिला उपाध्यक्ष भी हैं। वहीं आदिवासी छात्र संघ झारखंड के केंद्रीय उपाध्यक्ष हैं। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जमशेदपुर लोकसभा उपचुनाव 2007 में लड़ चुके हैं। तब दस हजार वोट प्राप्त किया था। बेहद साधारण पर‍िवार से आते हैं। अपने व‍िधायक लक्ष्‍मण टुडू का ट‍िकट काटकर भाजपा ने पहली बार इन्‍हें घाटश‍िला से प्रत्‍याशी बनाया है।   

विभीषण सरदार ने 1996 में भाजपा से मेनका सरदार का जोड़ा नाता 

मेनका सरदार की उम्र 52 वर्ष है। इन्‍होंने एलबीएसएम कॉलेज करनडीह से बीए ऑनर्स क‍िया है। छोटा नागपुर कॉलेज राजनगर से इंटर की पढ़ाई कर चुकी हैं। प्राइमरी की पढ़ाई गिरी भारती स्कूल हल्दीपोखर से ग्रहण क‍िया है।पोटका के जुड़ी गांव की रहने वाली मेनका सरदार की शादी 1986 में जमशेदपुर के जोजोबेड़ा के रहने वाले टाटा मोटर्स विभीषण सरदार से हुई।

आरएसएस से जुड़े विभीषण सरदार ने ही मेनका सरदार को 1996 में भाजपा से जोड़ा था। मेनका सरदार के एक पुत्र और पुत्री है। आशीष सिंह रांची में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं। पुत्री मंजूलता का ससुराल ओडिशा के रायरंगपुर में है। मेनका सरदार ने 1998 में चुनाव लड़ा और अविभाजित बिहार की छोटा नागपुर सीट से विधायक बनीं। इसके बाद तीन बार पोटका विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनीं। साल 2005 में झामुमो के अमूल्यो सरदार से हार गईं। 2010 और 2014 के विधानसभा वो झारखंड की उत्कृष्ट विधायक चुनी गई थीं।  

छठी बार चुनावी मैदान में उतरेंगे रघुवर दास 

रघुवर दास की उम्र 64 वर्ष है। इन्‍होंने जमशेदपुर को-आपरेटिव कालेज से बीएससी और विधि स्नातक क‍िया है। पिता का नाम स्व. चमन राम है। पत्नी का नाम रुक्मिणी दास है। पुत्र का नाम ललित दास है। ललित दास टाटा स्टील में अधिकारी हैं। पुत्री का नाम रेणु साहू है। पुत्री विवाहित हैं। इनका निवास स्थान एग्रिको, ट्रांसपोर्ट मैदान के पास है। वर्ष 1977 में जनता पार्टी के सदस्य बने।

नवंबर 2000 से 17 मार्च 2003 तक झारखंड सरकार में श्रम मंत्री रहे। मार्च 2003 से 14 जुलाई 2004 तक भवन निर्माण मंत्री रहे। 12 मार्च 2005 से 14 सितंबर 2006 तक वित्त, वाणिज्य व नगर विकास मंत्री रहे। 2009 से 30 मई 2010 तक झामुमो-भाजपा की सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे। 2014 से झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हैं। रघुवर दास टाटा स्‍टील कंपनी में मजदूर रह चुके हैं। जमशेदपुर पश्‍च‍िम क्षेत्र से छठी बार चुनाव लड़ेंगे। हर बार बंपर वोट से चुनाव जीतते रहे हैं। 

नन मैट्रिक हैं ईचागढ़ से भाजपा के प्रत्‍याशी साधुचरण महतो 

साधुचरण महतो ईचागढ़ से भाजपा के प्रत्‍याशी हैं। इनकी उम्र करीब 50 वर्ष है। ये नन मैट्रिक हैं। इनका निवास स्थान वर्तमान में श्रीडुंगरी, आदित्यपुर, सरायकेला-खरसावां है। रांगाटांड, पंचायत चामारू, सरायकेला-खरसावां के मूल निवासी हैं। किसान परिवार से संबंध रखते हैं। पिता हरमोहन महतो किसान हैं। पत्नी सारथी महतो जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं।

जमशेदपुर के वर्तमान सांसद विद्युत वरण महतो के सानिध्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा से राजनीति की शुरूआत की। झामुमो छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए। इसके बाद वर्ष 2009 में भाजपा के टिकट पर ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े। चुनाव में चौथे स्थान पर आने के बाद वर्ष 2014 में फिर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और रिकार्ड मत प्राप्त कर पहली बार विधायक बने। साधुचरण महतो हमेशा मारपीट के आरोपों के कारण चर्चा में रहते हैं।


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