Talent War : जानिए, टीसीएस सहित आईटी सेक्टर में कैसे छिड़ा है टैलेंट वार, देखे जा रहे पांच नए ट्रेंड्स
Talent War In IT Sectors कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी होने के साथ ही आईटी सेक्टर बूम पर है। स्थिति यह है कि जितनी नौकरी है उतने युवा नहीं मिल रहे हैं। कंपनियां ढूढ़कर फ्रेशर्स को अपनी ओर खींच रही है। आपके लिए भी यह मौका है। जानिए कैसे...
जमशेदपुर, जासं। काेरोना काल के बाद या इस दौर में दुनिया की अर्थव्यवस्था चौथी औद्योगिक क्रांति देख रही है, जिसमें लगभग सभी कंपनियां और सरकार तक की सभी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई हैं। जाहिर सी बात है कि इस नए दौर में आईटी या कंप्यूटर के जानकारों को नई तरजीह मिल रही है, क्योंकि यही समय की मांग है। इस टैलेंट वार में पांच नए किस्म के रूझान देखने को मिल रहे हैं।
टैलेंट वार की स्थिति सबसे ज्यादा आईटी सेक्टर में है। अनगिनत अवसरों के साथ एक तंग नौकरी बाजार, लचीले घंटे, हायरिंग बोनस और आकर्षक पैकेज आदि दिए जा रहे हैं। वीडियो इंटरव्यू और रिमोट ऑनबोर्डिंग से लेकर मजदूरों और डाटा आधारित कार्यप्रणाली की वजह से भर्ती प्रक्रिया भी विकसित हुई है। नई प्रतिभाओं को वीडियो के माध्यम से खुद सीखने का तरीका और प्रशिक्षक या ट्रेनर के निर्देश में कंपनी कल्चर के अनुकूल बनाने के लिए तरीकों की बात हो रही है। ऐसे में पांच प्रमुख रुझान हैं, जो आने वाले दिनों में संगठनात्मक व्यवहार या आर्गनाइजशेनल बिहेवियर को प्रभावित करते रहेंगे।
नए जमाने के स्किल की अधिक आवश्यकता
नए जमाने की टेक्नोलाजी, प्रयोग की अवधि के बाद अधिकांश संगठनों के लिए मुख्यधारा में विकसित हुई हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हॉट स्किल्स वाले टैलेंट की अचानक डिमांड सामने आई है। देश में अस्थायी श्रमिक उद्योग के एक शीर्ष निकाय इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (आइएसएफ) ने डिजिटल स्किल, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, इंफार्मेशन सिक्यूरिटी और ब्लॉकचेन की मांग में अचानक वृद्धि हुई है। इसके अलावा साइबर सिक्यूरिटी हमेशा आईटी संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण घटक रहा है, दूरस्थ कार्य में वृद्धि के साथ, उनके कार्यबल और डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसका महत्व तीन गुना बढ़ गया है। दरअसल, काम पर रखने के दौरान साइबर सिक्यूरिटी स्किल एक प्रमुख योग्यता बन गई है।
फ्रेशर्स की उभरती मांग
चूंकि लेटरल किराए पर लेना अधिक महंगा है, इसलिए कंपनियां अब फ्रेशर्स की ओर झुक रही हैं, जो हाई एट्रिशन के मुद्दे और वेतन मुद्रास्फीति की चुनौती को दूर करने में मदद करेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्रेशर्स को काम पर रखने की वृद्धि दर में 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जिसमें जूनियर स्तर की हायरिंग प्रमुख है। इन फ्रेशर्स का एक बड़ा हिस्सा छोटे शहरों से लिया जाता है, जिन्हें प्रोजेक्ट्स में लगाने से पहले डिजिटल ट्रेनिंग दी जाती है।
कैजुअल मैनपावर की बढ़ी मांग
कोराेना के बाद में कंपनियों को जो अनुभव हासिल हुए, उसमें अब कैजुअल मैनपावर व गिग-वर्कर्स के लिए बेहतर अवसर बने हैं। महामारी से पहले गिग वर्कर्स की मांग ब्लू-कॉलर जॉब तक ही सीमित थी। आज यह मांग व्हाइट-कॉलर जॉब तक भी पहुंच गई है। रिमोट जॉब के प्रति बढ़ते रूझान और माहौल से बड़ी कंपनियां भी कैजुअल वर्कर खोज रही हैं, क्योंकि इनके पीछे ज्यादा लागत खर्च नहीं करनी पड़ती है।
रिमोट और हाइब्रिड वर्किंग मॉडल का उदय
कोरोना काल से पहले रिमोट जॉब का ज्यादा महत्व नहीं था। कंपनियां सोचती थीं कि इससे उन्हें उतनी उत्पादकता नहीं मिलेगी, जितना वे श्रम के पीछे खर्च करेंगी। दक्षता में नुकसान होने की उम्मीद भी थी। अब माहौल या मानसिकता में बहुत बदलाव हुआ है। दूर से काम करने के बड़े पैमाने के प्रयोग के तहत बिताए गए डेढ़ साल ने संगठनों को साबित कर दिया कि कई मामलों में घर से काम करना और भी अधिक उत्पादक हो सकता है। कई कर्मचारी अपनी घरेलू जिम्मेदारियों का प्रबंधन करते हुए और अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने के लिए घर से बेहतर काम कर रहे हैं।
ऐसे लोग वर्क फ्रॉम होम को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। एक सर्वेक्षण के मुताबिक 46 प्रतिशत नौकरी चाहने वालों ने इसी वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड वर्क मॉडल को पहली पसंद बताया है। आज के वर्क फ्रॉम होम की दुनिया को एक अस्थायी चरण के रूप में देखने के बजाय कई कंपनियां इसे भविष्य के लिए अपनाने जा रहे हैं। उन नौकरियों के लिए जो कभी-कभी भौतिक उपस्थिति की मांग करते हैं, संगठन हाइब्रिड वर्किंग मॉडल के विचार की खोज कर रहे हैं जो कर्मचारियों को लचीलापन प्रदान करते हैं और साथ ही कार्यस्थल की भौतिक संस्कृति का अनुभव करते हैं।
अब कोई भी कहीं से कहीं के लिए काम कर रहा
वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड वर्किंग मॉडल में कर्मचारी अब कहीं से भी कहीं की कंपनी के लिए सहज होकर काम कर रहे हैं। पहले यह देखा जाता है कि कर्मचारी कहां का निवासी है। अब ऐसा नहीं है। अब कर्मचारी विदेश में एक कंपनी के लिए काम करने के लिए भी अपने घर से काम करना चाहते हैं।
दुनिया अब कंपनियों-संस्थाओं के लिए नई प्रतिभा का परिदृश्य है। एक कर्मचारी के साथ आने वाले अनुभव, सिफारिशें और कौशल सेट प्रमुख महत्व के होते हैं, जबकि जिस स्थान पर वे आधारित होते हैं, उस स्थान की अनदेखी की जा सकती है। यह बड़े पैमाने पर टैलेंट पूल को विस्तार दे रहा है, जो कंपनी और कर्मचारी दोनों को ज्यादा लाभान्वित करता है। एक रणनीतिक टैलेंट सप्लाई के लिए डिजिटल मानसिकता महत्वपूर्ण है, जो भविष्य के लिए तैयार है। इन सबके बावजूद दोनों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, वरना इसमें भी खतरा हो सकता है।