Tata Motors : जानिए, कैसे टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक व्हीकल की दुनिया में ला रहा क्रांति
Tata Motors देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी ने जिस तरह आपदा को अवसर में बदला है वह काबिले तारीफ है। कभी घाटे के दलदल में फंस चुकी यह कंपनी आज भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल क्रांति का अगुआ बन गया है। जानिए कैसे...
जमशेदपुर। पिछले कुछ सालों से Tata Motors ने जीतने की आदत बना ली है। पिछले एक दशक से घाटे के कारण मुसीबत में रहने वाली इस कंपनी से ग्राहकों ने मुंह मोड़ लिया था। पैसेंजर कार बिक्री की हालत खस्ता थी। लेकिन बाजार की परिस्थिति को समझते हुए टाटा मोटर्स ने जो बदलाव की पटकथा लिखी है, उसने भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में तूफान ला दिया है।
पैसेंजर व्हीकल बाजार में 10 फीसद हिस्सेदारी
आज टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल बाजार के लगभग 10 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर चुका है, जो पांच साल पहले की हिस्सेदारी से लगभग दोगुना है। टर्नअराउंड ऐसे समय में भी आया है जब ऑटोमोबाइल उद्योग ने एक कठिन दौर देखा था, जो महामारी की चपेट में था। लेकिन कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होते ही कारों की बिक्री की बहार आ गई।
भारत की सबसे मूल्यवान ऑटोमोबाइल कंपनी बनी
इस प्रक्रिया में, कंपनी का बाजार पूंजीकरण पिछले एक साल में लगभग चौगुना हो गया है, जिससे यह वर्तमान में भारत के सबसे मूल्यवान वाहन निर्माताओं में से एक बन गया है। फिर भी, हाल की सभी सफलताओं के बावजूद, टाटा मोटर्स के पास अपनी प्रतिष्ठा पर इतराने का समय नहीं है। कंपनी ने यह बात पहले ही जान ली थी कि आने वाले वर्षों में भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में एक क्रांति होने वाली है।
बाजार में धमाल मचा रहा है नेक्सस
आज, टाटा मोटर्स भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी है, जो अपने बेहद लोकप्रिय नेक्सन ईवी के नेतृत्व में लगभग 75 प्रतिशत बाजार पर कब्जा कर रही है, जिसे वर्तमान में एक महीने में लगभग 3,500 ऑर्डर मिलते हैं।
शायद इसीलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी जब सितंबर में, कंपनी द्वारा स्थापित की जा रही एक सहायक कंपनी निजी इक्विटी प्रमुख टीपीजी राइज क्लाइमेट से एक बिलियन डॉलर जुटाने के बाद भारत की सबसे मूल्यवान ईवी कंपनी बन गई। इस सौदे के बाद टाटा मोटर्स 9 अरब डॉलर से अधिक की परिचालन सहायक कंपनी का मूल्य रखता है और अगले साल मार्च के आसपास और पूंजी आने की उम्मीद है।
अगले 5 सालों में 2 अरब डॉलर निवेश करने की योजना
टाटा मोटर्स भी अगले पांच वर्षों में सहायक कंपनी में 2 अरब डॉलर का निवेश करेगी। इतना ही नहीं, समूह टाटा यूनीईवर्स नामक एक इको सिस्टम भी बना रही है जो समूह तालमेल का लाभ उठाएगा। यहां कई टाटा कंपनियां उपभोक्ताओं को ईवी समाधान प्रदान करने के लिए मिलकर काम करेंगी।
2040 तक गैसोलीन व डीजल से चलने वाले वाहन हो जाएंगे बंद
इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ बड़ा जुआ ऐसे समय में आया है जब फोर्ड, मर्सिडीज-बेंज, जनरल मोटर्स, और वोल्वो और 31 देशों सहित कम से कम छह प्रमुख वाहन निर्माताओं ने हाल ही में संपन्न COP26 में 2040 तक गैसोलीन व डीजल से चलने वाली वाहनों को बाजार से बाहर करने का फैसला किया है।