Pitru Paksha 2021 : जानें किस दिन से शुरू होगा पितृ पक्ष, दिन, तिथियां व समय की यहां लें पूरी जानकारी
हिंदू धर्म में माता-पिता को भगवान का दर्जा दिया जाता है। पितृ पक्ष में हम अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं। माता-पिता की मृत्यु के बाद हम उन्हें भूल ना जाएं इसलिए पितृ पक्ष मनाने की प्रथा है। आइए जानते हैं कब है पितृ पक्ष...
जमशेदपुर : पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। इसमें पितरों का उद्धार करने के लिए पुत्र की अनिवार्यता बताई गई है। हिंदू धर्म में श्राद्ध का काफी महत्व है। इसका प्रारंभ आश्विन मास महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होता है जो अश्विन अमावस्या तिथि को समाप्त होती है।
हिंदू धर्म में माता-पिता दर्जा भगवान का दिया गया है। उनकी सेवा सबसे बड़ी पूजा माना गया है। इसलिए शास्त्रों में पितरों को उद्धार करने के लिए पुत्र का महत्व माना गया है। जन्म देने वाले मां-पिता की मृत्यु के बाद लोग विस्मृत न कर दें, इसलिए उनका श्राद्ध माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी पूजा माना गया है। हिंदू धर्म शास्त्रों में पितरों का उद्धार करने के लिए श्राद्ध कर्म बनाया गया है।
जमशेदपुर के जाने-माने पुरोहित देवानंद पांडेय के अनुसार पितृपक्ष में हम मन, कर्म व वाणी से संयम का जीवन व्यतीत करते हैं। पितरों को याद कर उन्हें जल चढ़ाते हैं। निर्धनों व ब्राह्राणों को दान देते हैं। पितृपक्ष में प्रत्येक परिवार में मृत माता-पिता का श्राद्ध कियाजाता है। जानते हैं कब से शुरू हो रहे हैं पितृ पक्ष और क्या है इसकी तिथियां :
इस साल पितृ पक्ष 20 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। अंतिम श्राद्ध यानी अमावस्या श्राद्ध छह अक्टूबर हो होगा। श्राद्ध अनुष्ठान का समय इस प्रकार है...
श्राद्ध अनुष्ठान समय
- प्रतिपदा श्राद्ध मंगलवार 21 सितंबर 2021
- प्रतिपदा तिथि प्रारंभ 21 सितंबर को सुबह 5.24 बजे से
- प्रतिपदा तिथि समाप्त 22 सितंबर सुबह 5.51 बजे
- कुतुप मूहूर्त सुबह 11.50 बजे से रात्रि 12.38 तक
- अवधि 49 मिनट्स
- रौहिणी मुहूर्त 12.38 पीएम से 1.27 पीएम
- अवधि 49 मिनट्स
- अवराह्न काल 1.27 पीएम से 3.53 पीएम बजे
- अवधि दो घंटे 26 मिनट्स
- श्राद्ध पक्ष की तिथियां
- पूर्णिमा श्राद्ध 20 सितंबर
- प्रति पदा श्राद्ध 21 सितंबर
- द्वितीया श्राद्ध 22 सितंबर
- तृतीया श्राद्ध 23 सितंबर
- चतुर्थी श्राद्ध 24 सितंबर
- पंचमी श्राद्ध 25 सितंबर
- षष्ठी श्राद्ध 27 सितंबर
- सप्तमी श्राद्ध 28 सितंबर
- अष्टमी श्राद्ध 29 सितंबर
- नवमी श्राद्ध 30 सितंबर
- दशमी श्राद्ध एक अक्टूबर
- एकादशी श्राद्ध दो अक्टूबर
- द्वादशी श्राद्ध तीन अक्टूबर
- त्रयोदशी श्राद्ध चार अक्टूबर
- चतुर्दशी श्राद्ध पांच अक्टूबर