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खुर्दबीन दो : एक को पहना नहीं सके दूसरे को पहनाने की तैयारी

हेलमेट चेकिग से ही प्रतिदिन एक लाख से अधिक जुर्माना वसूलने वाली यातायात पुलिस की परेशानी बढ़

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 08:00 AM (IST)
खुर्दबीन दो : एक को पहना नहीं सके दूसरे को पहनाने की तैयारी
खुर्दबीन दो : एक को पहना नहीं सके दूसरे को पहनाने की तैयारी

हेलमेट चेकिग से ही प्रतिदिन एक लाख से अधिक जुर्माना वसूलने वाली यातायात पुलिस की परेशानी बढ़ गई है। कारण चालक के साथ ही पिछली सीट पर बैठने वालों के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाना है। चौक-चौराहे पर चेकिग के बावजूद बाइक सवार हेलमेट पहनने को तैयार नहीं थे। हेलमेट पहनाते-पहनाते तो पुलिस थक चुकी है तो पीछे बैठने वाला कहां से हेलमेट पहने। पहले भी पकड़ाने वाला पैरवी पर या फीस देकर निकल जाते थे। अब भी निकल रहे है। जगह-जगह चेकिग प्वाइंट पर हेलमेट चेक हो रहा है। पुलिस को देखते ही बाइक में पीछे बैठा सवार उतर जाता है। बाइक चालक आगे निकल कर सवारी का इंतजार करता है। सवार पैदल चलकर पहुंचता है और निकल जाता है। आखिर करे तो क्या करे पुलिस। किस-किस के पीछे लगेगी। लोग भी ऐसे थेथर हैं कि भूल से पकड़ लिए गए तो जुर्माना दे देंगे, लेकिन हेलमेट नहीं पहनेंगे।

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एक सुलझती तो दूसरी खड़ी हो जाती : एक सुलझती नहीं तो दूसरी समस्या सामने आ जाती है। कुछ ऐसा ही जिला पुलिस के साथ हो रहा है। राज्य के पुलिस मुखिया एमवी राव का शहर दौरा हुआ। समीक्षा बैठक पुलिस के लिए ठीक-ठाक रही। खुशी में बिष्टुपुर के एक क्लब में गेट टू गेदर पार्टी हुई। वरीय पुलिस अधिकारी और गिने-चुने थानेदारों को इसमें शामिल होने का मौका मिला। मन गदगद था, लेकिन अचानक से झटका तब लगा जब जमशेदपुर से वापस लौटने के दो दिन बाद ही एमवी राव को मुखिया पद से हटा दिया गया। नए मुखिया ने योगदान दिया। जिला पुलिस कप्तान ने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें स्पष्ट कहा गया कि ऐसा कोई काम नहीं करें जिससे कि शिकायत हो। सही से काम करें। अच्छे काम भी हुए। ड्रग्स के साथ एक सप्ताह में तीन महिला समेत 12 लोग पकड़े गए। लेकिन मानगो में लूट, बर्मामाइंस और गोलमुरी में छिनतई हो गई।

कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना :

आजकल जमशेदपुर पुलिस रात्रि गश्ती में भी मुस्तैद नजर आ रही है। यदि आप 11 बजे के बाद कोई काम से बाहर निकले तो आपको खैर नहीं। बारीडीह के मनोज रात 12 बजे घर से बाहर जैसे ही निकले, थोड़ी ही दूरी पर अंधेर से निकलकर एक जवान ने उन्हें रोक लिया। यह देख मनोज की रूह कांप गई। लेकिन, पुलिस का जवान देख जान में जान आई। पुलिस ने पूछताछ शुरू की। कहां रहते हैं। कहां से आ रहे हैं। पिताजी का नाम क्या है। मोबाइल नंबर बताइए। गाड़ी का नंबर बताइए। मनोज को गाड़ी का नंबर याद नहीं था। बोला-सर, गाड़ी नंबर देखकर बताते हैं। पुलिस ने हेकड़ी दिखाते हुए कहा-का जी, ई गाड़ी आपका ही है ना। मनोज-हां सर मेरा ही है। जवान तस्दीक से संतुष्ट हो जाने को कहता है। हम तो यही कहेंगे, रात्रि गश्ती तो टाइट है, लेकिन अपराध थम नहीं रहा है। कुछ तो लोग कहेंगे...।

दो पाटों के बीच पिस रही जमशेदपुर पुलिस : आजकल जमशेदपुर पुलिस बड़ी दुविधा में है। पूर्वी जमशेदपुर विधानसभा क्षेत्र में दो राजनीतिक दलों के बीच घमासान चल रहा है। मामला जब हाई प्रोफाइल हो तो पुलिस के हाथ-पांव फूलना लाजिमी हो जाती है। उनकी बेचारगी नजर आने लगती है। पिछले 15 दिनों में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है जब भाजपा व विधायक सरयू राय की पार्टी भारतीय जनमोर्चा के समर्थक आपस में भिड़ चुके हैं। बर्मामाइंस में तो तनाव इतना बढ़ गया कि पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। अब समर्थकों की लड़ाई में पुलिस पिस रही है। बर्मामाइंस के अलावा सीतारामडेरा, सिदगोड़ा, बिरसानगर में दोनों दलों के समर्थक भिड़ चुके हैं। मामला थाना तक भी पहुंच जा रहा है। अब थानेदार साहब की स्थिति घड़ी की पेंडुलम की तरह हो जा रही है। दोनों दलों के समर्थक दबाव डालते है। साहब अपनी नौकरी का हवाला देते हैं और दोनों को केस दर्ज करने की सलाह दे पीछा छुड़ा लेते हैं।


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