हसत खेलत तेरे देहुरे आइआ, भक्त करत नामा..
हसत खेलत तेरे देहुरे आईआ, भक्त करत नामा..। मोको तार ले रामा तार आदि कीर्तनों से नामदेव जी के प्रकाशोत्सव पर भक्त निहाल हुए।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता): हसत खेलत तेरे देहुरे आईआ, भक्त करत नामा..। मोको तार ले रामा तार ले.. आदि कीर्तन गायन कर कीर्तनी जत्थों गुरुद्वारा साहिब ह्यूंमपाइप के समीप बने पंडाल में संगत को निहाल किया। शिरोमणी भगत नामदेव जी का 748वां प्रकाश उत्सव का आयोजन गुरुद्वारा साहिब ह्यूंमपाइप की ओर से दुर्गा पूजा मैदान में किया गया।
इससे पूर्व तीन दिनों से चल रहे अखंड पाठ की समाप्ति रविवार की सुबह हुई। पाठ की समाप्ति के उपरांत गुरुद्वारा साहिब ह्यूंमपाइप से पालकी यात्रा निकाली गई। यह पालकी यात्रा गुरुद्वारा के समीप बने पंडाल में पहुंची और वहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश किया गया। जिसके उपरांत हजुरी रागी जसबीर कौर के जत्थे ने कीर्तन गायन किया। होशियारपुर वाले भाई हरचरण सिंह जी ने गुरुवाणी से संगत को जोड़े रखा और भगत नामदेव जी की वाणी हसत खेलत तेरे देहुरे आईआ..। आदि कीर्तन गायन कर संगत को निहाल किया।
वहीं ग्रंथी हरजिंदर सिंह जी ने भगत नामदेव जी के जीवनी पर प्रकाश डाला। जिसका उपरांत अमृतसर से आए भाई हरमजीत सिंह जी ने मोको तार ले रामा तार ले..। कीर्तन गायन कर संगत को निहाल किया। कीर्तन दरबार की समाप्ति के उपरांत लंगर की सेवा संगत के बीच की गई। लंगर व पंडाल की सेवा सोहन सिंह गांधी परिवार की ओर से की गई, जिसके लिए गुरुद्वारा कमेटी की ओर से उन्हें सिरोपा भेंट किया गया। वहीं लंगर की सेवा 2017 तक बुक हो चुकी है। कीर्तन दरबार में सीजीपीसी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे, विधायक प्रतिनिधि पवन अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य संगत उपस्थित थी।
कार्यक्रम को सफल बनाने में गुरुद्वारा के प्रधान दलवीर सिंह सहित गुरनाम सिंह, सतनाम सिंह सते, मंजीत सिंह, कुलविंदर सिंह, सरबजीत सिंह, सुखवीर सिंह आदि का अहम योगदान था।